जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्राम देवरी थाना रतनपुर जिला बिलासपुर से 40 व्यक्ति जिसमें महिला, पुरुष एवं बच्चे सहित शिकारी जाति के लोग यहां पहुंचे हैं। दो महीनों के लिए यहां पहुंचे लोग छिंद का झाड़ू बनाकर जीवन यापन करने के लिए अस्थायी रूप से तंबू तानकर रहते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण सभी जगह लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो गई। ऐसी स्थिति में ये अपने द्वारा बनाए गए झाडू को बेच नहीं पा रहे हैं और न ही अपने घर वापस जा पा रहे हंै। लॉकडाउन के कारण उन्हें एवं उनके परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, खाने पीने के लिए लाले पड़े हुए हैं।
होली के बाद लौट जाते हैं झाडू बनाने वालों ने बताया कि हर साल हम लोग यहां छिंद का झाडू बनाकर गांव-गांव, शहर-शहर बेचकर जीवन यापन करते थे और यहां से होली मनाकर अपने गांव चले जाते थे लेकिन इस बार यही फंस गए हंै।
मिली थोड़ी राहत सामग्री जानकारी के अनुसार दो-तीन दिन पहले छुईखदान मुख्य कार्यपालन अधिकारी आए थे और यहां के सरपंच, सचिव को मदद करने बोले हैं। जिस पर दो बोरी चांवल और सब्जी लाकर दिए थे जिसमें ये लोग काम चला रहे हैं। जानकारी के अनुसार हैदराबाद से ३२ और लोग साल्हेवारा पहुंचे हैं। ये सभी भाजीडोंगरी निवासी है, जिन्हें राहत शिविर में रूकवाया गया है। जहां उनका स्वास्थ्य जांच, भोजन व रूकने की व्यवस्था की गई है।