राजनंदगांव

ई-रिसोर्स कार्यशाला: अब एक क्लिक से दिखेंगे सैकड़ों शोध पत्र, होगा ई-संसाधनों का उपयोग

मोहन लाल सुखाडिय़ा विश्वविद्याालय में अब शोद्यार्थी अपने शोध को ई-रिसोर्स का उपयोग कर अधिक प्रभावशाली व गुणवत्तापूर्ण बना सकेंगे।

राजनंदगांवFeb 21, 2017 / 12:05 pm

jyoti Jain

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मोहन लाल सुखाडिय़ा विश्वविद्याालय में अब शोद्यार्थी अपने शोध को ई-रिसोर्स का उपयोग कर अधिक प्रभावशाली व गुणवत्तापूर्ण बना सकेंगे। विवि के लाइब्रेरी विभाग की मेजबानी में सात दिवसीय ई-रिसोर्स प्रशिक्षण कार्यशाला व 5 दिन का इन्फ्लीबनेट पुस्तकालय स्वचालन सॉफ्टवेयर ‘सोल’ प्रशिक्षण सोमवार को शुरू हुआ।
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गौरतलब है कि यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराए गए करोड़ों के ई-जर्नल्स, पेपर का उपयोग नहीं हो पा रहा था। पर्याप्त ई- रिसोर्स होने के बावजूद शोध का तरीका परम्परगत है। इस बारे में पत्रिका ने 11 फरवरी के अंक में समाचार ‘करोड़ों के ई-जर्नल्स का नहीं हो रहा उपयोग’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। मामला प्रकाश में आने के बाद अब विश्वविद्यालय ने ई-संसाधनों की सुध ली है।
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छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मदन सिंह राठौड़ एवं कुलसचिव हिम्मत सिंह भाटी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला निदेशक प्रो. हनुमान प्रसाद ने कहा कि ई-संसाधनों के उपयोग से एक क्लिक से शोधार्थी सैकड़ों शोध पत्र देख सकेंगे। प्रो. राठौड़ ने बताया कि अधिकांश शोधार्थी ई-संसाधन तकनीक से अनभिज्ञ हैं। कार्यशाला के माध्यम से ही ई-संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर के शोध कार्य विश्वविद्याालय मेें हो सकेंगे। कुलसचिव भाटी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व शोध प्रक्रिया में परिवर्तन की जरुरत है।

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