पीने वालो को नहीं है किसी का भय
डोंगरगांव शराब भट्टी के आस-पास आबकारी विभाग के समय-समय पर धरपकड़ अभियान और सुनसान जगहों पर पीने वालों पर निगरानी के बाद अब पीने-पिलाने वाले शहर के भीतरी हिस्सों में अपनी महफिल सजा रहे हैं खासकर युवा पीढ़ी ऐसी जगहों पर मित्र-मंडली के साथ बिना किसी भय के पीते-पिलाते मिलेंगे। ऐसी जगहों में मुख्य सड़क से लगे कन्या स्कूल मैदान, पुराने बस स्टैंड में नगर पंचायत शॉपिंग काम्प्लेक्स का छत व सीढ़ी, चंडी मंदिर बाजार एरिया का पीछे का क्षेत्र, कालेज मैदान, आदर्श हाईस्कूल बीटीआई शेड, नया बस स्टैण्ड परिसर, पेट्रोल पंप के सामने, स्कूलों के कैम्पस, बाजार काम्प्लेक्स और ऐसी बहुत सारी जगहें जहां बसूनेपन का फायदा उठाकर शाम के बाद झुंड में शराबखोरी करते लोग मिलते हैं।
डोंगरगांव शराब भट्टी के आस-पास आबकारी विभाग के समय-समय पर धरपकड़ अभियान और सुनसान जगहों पर पीने वालों पर निगरानी के बाद अब पीने-पिलाने वाले शहर के भीतरी हिस्सों में अपनी महफिल सजा रहे हैं खासकर युवा पीढ़ी ऐसी जगहों पर मित्र-मंडली के साथ बिना किसी भय के पीते-पिलाते मिलेंगे। ऐसी जगहों में मुख्य सड़क से लगे कन्या स्कूल मैदान, पुराने बस स्टैंड में नगर पंचायत शॉपिंग काम्प्लेक्स का छत व सीढ़ी, चंडी मंदिर बाजार एरिया का पीछे का क्षेत्र, कालेज मैदान, आदर्श हाईस्कूल बीटीआई शेड, नया बस स्टैण्ड परिसर, पेट्रोल पंप के सामने, स्कूलों के कैम्पस, बाजार काम्प्लेक्स और ऐसी बहुत सारी जगहें जहां बसूनेपन का फायदा उठाकर शाम के बाद झुंड में शराबखोरी करते लोग मिलते हैं।
पीने के बाद कचरा वहीं छोड़ जाते हैं
शराबखोरी के बाद ऐसे लोग खाली बोतलें और डिस्पोजल छोड़कर भी जाते हैं। इन सब नियंत्रण और रोक लगाने की कोशिश करने वाले लोगों से नशे में चूर युवक झगड़ा करने उतारू हो जाते हैं, इसलिए व्यक्तिगत तौर कोई भी इसका विरोध नहीं कर पाता। शहर के भीतरी हिस्सों में पनप रही नशे की इस संस्कृति को रोका जाना आवश्यक है।
शराबखोरी के बाद ऐसे लोग खाली बोतलें और डिस्पोजल छोड़कर भी जाते हैं। इन सब नियंत्रण और रोक लगाने की कोशिश करने वाले लोगों से नशे में चूर युवक झगड़ा करने उतारू हो जाते हैं, इसलिए व्यक्तिगत तौर कोई भी इसका विरोध नहीं कर पाता। शहर के भीतरी हिस्सों में पनप रही नशे की इस संस्कृति को रोका जाना आवश्यक है।
चखना दुकानों की बाढ़
शराब भट्टी से लगकर चखना दुकान और सड़क किनारे मांस बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है। पूरे दिन भीड़ से भरे शराब दुकान से शराब लेकर निकलने वालों की महफिल गुलजार हो जाती है। अब अगर शराबी शराब नहीं पिएगा तो खाली चखना कैसे खाएगा। हालॉकि चखना दुकान वालों का दावा है कि हम शराब नहीं पिलाते सिर्फ सामग्री बेचते हैं लेकिन खाली बोतलें, पानी पाऊच, डिस्पोजल जैसे कचरे कुछ और बयां करते हैं। बढ़ती शराबखोरी के बीच नया शराब दुकान का एरिया भी सिर्फ विक्रय केंद्र नहीं रहा बल्कि पूरा मयखाना लगने लगा है।
शराब भट्टी से लगकर चखना दुकान और सड़क किनारे मांस बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है। पूरे दिन भीड़ से भरे शराब दुकान से शराब लेकर निकलने वालों की महफिल गुलजार हो जाती है। अब अगर शराबी शराब नहीं पिएगा तो खाली चखना कैसे खाएगा। हालॉकि चखना दुकान वालों का दावा है कि हम शराब नहीं पिलाते सिर्फ सामग्री बेचते हैं लेकिन खाली बोतलें, पानी पाऊच, डिस्पोजल जैसे कचरे कुछ और बयां करते हैं। बढ़ती शराबखोरी के बीच नया शराब दुकान का एरिया भी सिर्फ विक्रय केंद्र नहीं रहा बल्कि पूरा मयखाना लगने लगा है।
अवैध शराब विक्रय
सरकारी शराब दुकान से शराब खरीदकर शहर के भीतरी हिस्सों में ऊंची कीमत में शराब बेचने वालों का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। सुबह 12 बजे से पहले और रात्रि 9 बजे के बाद तक अवैध शराब विक्रय करने वालों की सक्रियता आसानी से देखी जा सकती है. नया शराब दुकान की दूरी के चलते भी इन शराब विक्रेताओं के पास डिमांड बना रहता है. हाल ही में मोबाईल सप्लाई की भी खबर आ रही है। जिस धंधे में युवक लगे हुए हैं। वार्ड क्र.9 का एक खास ईलाका इसी नाम से जाना जा रहा है। शराब दुकान में लाईन लगाकर दिन भर में इक_ा किया गया बॉटल अगले दिन की कालाबाजारी के काम आता है।
सरकारी शराब दुकान से शराब खरीदकर शहर के भीतरी हिस्सों में ऊंची कीमत में शराब बेचने वालों का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। सुबह 12 बजे से पहले और रात्रि 9 बजे के बाद तक अवैध शराब विक्रय करने वालों की सक्रियता आसानी से देखी जा सकती है. नया शराब दुकान की दूरी के चलते भी इन शराब विक्रेताओं के पास डिमांड बना रहता है. हाल ही में मोबाईल सप्लाई की भी खबर आ रही है। जिस धंधे में युवक लगे हुए हैं। वार्ड क्र.9 का एक खास ईलाका इसी नाम से जाना जा रहा है। शराब दुकान में लाईन लगाकर दिन भर में इक_ा किया गया बॉटल अगले दिन की कालाबाजारी के काम आता है।