बाईपास निर्माण प्रक्रिया के दौरान तीन उच्चस्तरीय पुल निर्माण के लिए स्वीकृत किए गए 9 करोड़ रूपये की राशि के कम पडऩे और लागत बढऩे के बाद इसके लिए अतिरिक्त बजट स्वीकृत कराने सेतू निगम ने शासन को रिवाइस स्टीमेंट भेजा है। इसमें तीन पुलों की लागत लगभग 16 करोड़ रूपये बताई गई है। विभाग ने इसके लिए अतिरिक्त स्वीकृति मांगी है लेकिन मामला शासन स्तर पर अटकने के कारण सेतू निगम इसकी तैयारी नही कर पाया है। विभाग से मिली जानकारी अनुसार नए स्टीमेट और अतिरिक्त राशि स्वीकृति होने के बाद ही पुल निर्माण की कार्यवाही शुरू हो पाएगी। लेकिन स्वीकृति के लिए सारे दस्तावेज भेजने के बाद अब तक इसकी स्वीकृति नही आने से पुल निर्माण प्रक्रिया अधर में अटकी है। राशि आने और शासन से स्वीकृति के बाद ही इन उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए टेंडर सहित अन्य कार्यवाही जारी हो पाएगी।
शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने शहर के बाहर राईस मिल के पास से सोनेसरार में माइलस्टोन स्कूल तक 6 किमी बाइपास का निर्माण कार्य दस साल बाद पिछले साल शुरू हो पाया है। दस साल पहले बाईपास के लिए स्वीकृत राशि अब निर्माण के दौरान लगभग दोगुनी हो गई है। बाईपास निर्माण प्रक्रिया को इसी साल पूरा हो जाना था लेकिन शासन के साथ विभागीय लेटलतीफी और मुआवजा वितरण में देरी के कारण निर्माण कार्य पिछले साल के आखिर में शुरू हो पाया। 18 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले इस बाइपास में तीन जगहों पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जाना है। इसमें टिकरापारा नाला, मुस्का नदी और आमनेर नदी पर बनने वाला पुल शामिल है। इसका निर्माण सेतू निगम द्वारा कराया जाना है। पुरानी स्वीकृति में तीनों पुल निर्माण के लिए शासन ने लगभग 9 करोड़ रूपये की राशि प्राक्कलन में स्वीकृत की थी। बाईपास निर्माण में देरी के बाद इसकी लागत बढ़कर अब लगभग 16 करोड़ रूपये हो चुकी है। सड़क निर्माण कार्य भी काफी धीमा होने से इसमें लगभग एक साल से अधिक का समय और लगना है। लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे इस बाइपास निर्माण कार्य के धीमे होने के कारण इसका समय पर निर्माण पूरा नही हो पाया है।