शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार शासन प्रशासन ने हाई व हायर सेकंडरी स्कूल के लिए फीस निर्धारित की हुई है। इसके तहत ६१० से ६५० रुपए तक फीस लिया जा सकता है, लेकिन जिले के विभिन्न स्कूलों में शाला विकास शुल्क व परीक्षा शुल्क अधिक लेकर ग्रामीण पालकों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। बच्चों व पालकों को इस संबंध में जानकारी नहीं होने का स्कूल प्रबंधन द्वारा फायदा उठाया जा रहा है।
घुमका उच्चतर माध्यमिक शाला में हाई स्कूल में एडमिशन के दौरान ८०० रुपए व हायर सेकंडरी स्कूल में ८५० फीस लिया जा रहा है। प्राचार्य का कहना है कि वे हाल ही में प्रभार लिए हैं, जो पिछले सत्र लिया जा रहा था। वही फीस ले रहे हैं। शाला विकास समिति ने इसे तय किया है। फिलहाल समिति को राज्य शासन के आदेश के बाद भंग कर दिया गया है। बैठक होती है और कम फीस लेने का निर्णय लिया जाता है, तो बच्चों की बचत फीस वापस कर दी जाएगी।
जिले में कुल हाई स्कूल १३४ वहीं २०० हायर सेकंडरी स्कूल है। मिली जानकारी अनुसार फीस का निर्धारण है, लेकिन फीस के लिए रसीद बुक स्थानीय स्कूल प्रबंधन द्वारा छपवाया जाता है। इसलिए भी अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग फीस तय कर दिया जाता है। रसीद बुक को देखने पर पता चलता है कि कई ऐसी फीस जो समझ में नहीं आता।
पिछले दिनों भी आई थी शिकायत
पिछले दिनों सुकुलदैहान क्षेत्र के स्कूलों में फीस लेकर रसीद नहीं देने की शिकायत सामने आई थी, पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद वहां भी तत्काल रसीद देना अनिवार्य किया गया। मामले की शिकायत मिलने पर छात्र नेता ऋषि शास्त्री स्कूलों में पहुंचकर प्रबंधन से पूछताछ कर व्यवस्था सुधारने हिदायद दिए थे। शास्त्री ने बताया कि ऐसे मामलों में एफआईआर कराया जाएगा।
रसीद बुक छप गया है। बच्चों को रसीद दिया जा रहा है। बचे हुए बच्चों को सोमवार को दे दिया जाएगा। पूर्व निर्धारित फीस ही लिया जा रहा है। यदि बैठक के बाद कम तय होता है, बचे फीस बच्चों को वापस कर दिया जाएगा।
केआर जांगड़े, प्रभारी प्राचार्य घुमका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
शासन से फीस निर्धारित है। शाला विकास व परीक्षा फीस स्थानीय सुविधाओं के आधार पर वहीं निर्धारित किया जाता है, तो ऐसे में फीस में थोड़ी बहुत अंतर रह सकती है, लेकिन रसीद नहीं दिया जा रहा है, तो यह गंभीर लापरवाही है। पूछताछ की जाएगी।
जीके मरकाम, जिला शिक्षा अधिकारी