एक अन्य व्यकित से भी लिए थे 40 हजार
इस दौरान एक अन्य युवक खैरागढ़ निवासी धर्मेश वर्मा भी विक्की के घर पहुंच गया। टीआई मुनाई ने बताया कि आरोपियों द्वारा धर्मेश वर्मा से भी 40000 रूपए लिया गया था और इसके बदले 1 लाख 20 हजार रुपए देने बुलाया गया था। धर्मेन्द्र को देख कर आरोपी दोनो भाई विक्की और संजय घर से भाग गए। इस दौरान को शंका होने पर वह आरोपियों द्वारा दिए डिब्बा को तत्काल मौके पर खोलकर देखा तो डिब्बा खाली था। इसके बाद प्रार्थी नरेन्द्र ने थाना में शिकायत दर्ज कराया। पुलिस आरोपी संजय नायडू उर्फ संजय तिवारी पिता राकेश तिवारी उम्र 32 वर्ष निवासी शिवनगर ढाबा रोड शांतिनगर को पकड़ा और दूसरा आरोपी विक्की नायडू उर्फ विक्की तिवारी उम्र 30 वर्ष निवासी शिवनगर ढाबा रोड शांतिनगर फरार है।
इस दौरान एक अन्य युवक खैरागढ़ निवासी धर्मेश वर्मा भी विक्की के घर पहुंच गया। टीआई मुनाई ने बताया कि आरोपियों द्वारा धर्मेश वर्मा से भी 40000 रूपए लिया गया था और इसके बदले 1 लाख 20 हजार रुपए देने बुलाया गया था। धर्मेन्द्र को देख कर आरोपी दोनो भाई विक्की और संजय घर से भाग गए। इस दौरान को शंका होने पर वह आरोपियों द्वारा दिए डिब्बा को तत्काल मौके पर खोलकर देखा तो डिब्बा खाली था। इसके बाद प्रार्थी नरेन्द्र ने थाना में शिकायत दर्ज कराया। पुलिस आरोपी संजय नायडू उर्फ संजय तिवारी पिता राकेश तिवारी उम्र 32 वर्ष निवासी शिवनगर ढाबा रोड शांतिनगर को पकड़ा और दूसरा आरोपी विक्की नायडू उर्फ विक्की तिवारी उम्र 30 वर्ष निवासी शिवनगर ढाबा रोड शांतिनगर फरार है।
50 हजार के बदले डेढ़ लाख देने बुलाया था
इस दौरान संजय नायडू द्वारा एक 100 रूपए का नोट प्रार्थी नरेन्द्र वर्मा खर्च करने दिया गया। रुपए बाजार में चल गया और जिससे प्रार्थी को विश्वास हो गया और तुरंत अपने दोस्त जितेन्द्र वर्मा के गाड़ी को गिरवी रख कर 15000 रूपए संजय नायडू को दिया। इसके बाद 20 अक्टूबर को घर से 35000 रूपये लाकर विक्की नायडू को फिर दिया गया। इस दौरान विक्की और संजय दोनो आरोपियों द्वारा 21 अक्टूबर को डेढ़ लाख रुपए अपने घर पर देने देने बुलाया गया। प्रार्थी जितेन्द्र वर्मा के विक्की नायडू के घर शिवनगर पहूंचे। जिसे देखते ही दोनो घर में बैठा कर एक बाक्स में पैक कर रुपए होने की बात कहते हुए नरेन्द्र वर्मा दिया गया और बाक्स को घर में कोलने की बात कहा गया।
इस दौरान संजय नायडू द्वारा एक 100 रूपए का नोट प्रार्थी नरेन्द्र वर्मा खर्च करने दिया गया। रुपए बाजार में चल गया और जिससे प्रार्थी को विश्वास हो गया और तुरंत अपने दोस्त जितेन्द्र वर्मा के गाड़ी को गिरवी रख कर 15000 रूपए संजय नायडू को दिया। इसके बाद 20 अक्टूबर को घर से 35000 रूपये लाकर विक्की नायडू को फिर दिया गया। इस दौरान विक्की और संजय दोनो आरोपियों द्वारा 21 अक्टूबर को डेढ़ लाख रुपए अपने घर पर देने देने बुलाया गया। प्रार्थी जितेन्द्र वर्मा के विक्की नायडू के घर शिवनगर पहूंचे। जिसे देखते ही दोनो घर में बैठा कर एक बाक्स में पैक कर रुपए होने की बात कहते हुए नरेन्द्र वर्मा दिया गया और बाक्स को घर में कोलने की बात कहा गया।