खेतों में पर्याप्त पानी नहीं
खेतों मे जहां पर्याप्त पानी नही है, वहीं ट्युबवेल एवं हैंडपंपो का जल स्तर तेजी से नीचे गिरती जा रही। जिले के सभी क्षेत्रों की अपेक्षा आषाड़ माह बीतने को है मगर अभी तक क्षेत्र में कम बारिश हुआ है। इसी प्रकार ट्युबवेल बोर वालो के यहां रोपा लगाने के कार्य में तेजी आई है। क्षेत्र का प्रमुख फसल धान है। ऐसे में किसान खेतों मे रोपा लगाने निदाई करने में व्यस्त है। पिछले वर्ष अंचल में सुखा पड़ा था। मगर इस वर्ष किसानों को पिछले वर्ष की अपेक्षा अच्छी बारिश की उम्मीद में किसान खेती किसानी के कार्य को लगन से करने मे लगे हुए है। किसानों को रोपा लगाने, निदाई करवाने के लिए पर्याप्त मजदूर नही मिल रहे हंै। किसान सुबह से ही खेतो कि ओर निकल पड़ते है और देर शाम तक घर पहुँच रहे है जिससे दिन में गांव में सन्नाटा रहता है।
खेतों मे जहां पर्याप्त पानी नही है, वहीं ट्युबवेल एवं हैंडपंपो का जल स्तर तेजी से नीचे गिरती जा रही। जिले के सभी क्षेत्रों की अपेक्षा आषाड़ माह बीतने को है मगर अभी तक क्षेत्र में कम बारिश हुआ है। इसी प्रकार ट्युबवेल बोर वालो के यहां रोपा लगाने के कार्य में तेजी आई है। क्षेत्र का प्रमुख फसल धान है। ऐसे में किसान खेतों मे रोपा लगाने निदाई करने में व्यस्त है। पिछले वर्ष अंचल में सुखा पड़ा था। मगर इस वर्ष किसानों को पिछले वर्ष की अपेक्षा अच्छी बारिश की उम्मीद में किसान खेती किसानी के कार्य को लगन से करने मे लगे हुए है। किसानों को रोपा लगाने, निदाई करवाने के लिए पर्याप्त मजदूर नही मिल रहे हंै। किसान सुबह से ही खेतो कि ओर निकल पड़ते है और देर शाम तक घर पहुँच रहे है जिससे दिन में गांव में सन्नाटा रहता है।
रोपा लगाने से ज्यादा बोआई करते हैं
आधुनिकता के इस युग में आज भी अंचल के किसान पुरानी पद्धति से खेती कर रहे है और हाथों से रोपा लगवा रहे है। क्षेत्र के किसान रोपा लगाने से ज्यादा सीधे खेतो में धान की बीज डालकर बोआई करते है। क्षेत्र के बेलगाँव, डारागाँव, पलांदुर, डोड़की, छिपा, माड़ीतराई, कुसमी, लमानिन, जटकन्हार, धुसेरा, नागतराई, हरनसिंगी, अछोली, कलकसा, भैसरा, कटली, रिवागहन, कोलेन्द्रा, ठाकुरटोला, खैरबना सहित क्षेत्र मे रोपाई का कार्य तेजी से चल रहा है। क्षेत्र के किसानों सहित लोगों को इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद है। इस वर्ष किसानों को पिछले वर्ष की अपेक्षा अच्छी बारिश की उम्मीद में किसान खेती कार्य को लगन से करने में लगे हुए है।
आधुनिकता के इस युग में आज भी अंचल के किसान पुरानी पद्धति से खेती कर रहे है और हाथों से रोपा लगवा रहे है। क्षेत्र के किसान रोपा लगाने से ज्यादा सीधे खेतो में धान की बीज डालकर बोआई करते है। क्षेत्र के बेलगाँव, डारागाँव, पलांदुर, डोड़की, छिपा, माड़ीतराई, कुसमी, लमानिन, जटकन्हार, धुसेरा, नागतराई, हरनसिंगी, अछोली, कलकसा, भैसरा, कटली, रिवागहन, कोलेन्द्रा, ठाकुरटोला, खैरबना सहित क्षेत्र मे रोपाई का कार्य तेजी से चल रहा है। क्षेत्र के किसानों सहित लोगों को इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद है। इस वर्ष किसानों को पिछले वर्ष की अपेक्षा अच्छी बारिश की उम्मीद में किसान खेती कार्य को लगन से करने में लगे हुए है।