पंचायत ने भी नहीं दिखाई गंभीरता
सड़क निर्माण के बाद अगले पांच वर्ष तक समय-समय पर संधारण, मरम्मत किया जाना था। जिसमें मुख्यरूप से पार्ट ***** का कार्य, मिट्टी (शोल्डर मरम्मत) पुल पुलिया की सफाई आवश्यकता अनुसार संधारण किया जाना था लेकिन ऐसा कभी नहीं किया गया। जबकि मरम्मत के लिए पांच वर्ष तक लगातार के लिए अतिरिक्त राशि स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार घुमका भटगांव से जोगीदल्ली तक लगभग नौ किमी सड़क निर्माण दस वर्ष पूर्व बनाया गया था। अब वर्तमान में सड़क में जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन चुके है। लोकनिर्माण विभाग के द्वारा मरम्मत नहीं किए जाने से इस सड़क मार्ग से दिन ढलते ही राहगीरों को पैदल चलने में दिक्कत होती है। वहां चालकों को हमेशा दुर्घटना का डर लगा रहता है।
सड़क निर्माण के बाद अगले पांच वर्ष तक समय-समय पर संधारण, मरम्मत किया जाना था। जिसमें मुख्यरूप से पार्ट ***** का कार्य, मिट्टी (शोल्डर मरम्मत) पुल पुलिया की सफाई आवश्यकता अनुसार संधारण किया जाना था लेकिन ऐसा कभी नहीं किया गया। जबकि मरम्मत के लिए पांच वर्ष तक लगातार के लिए अतिरिक्त राशि स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार घुमका भटगांव से जोगीदल्ली तक लगभग नौ किमी सड़क निर्माण दस वर्ष पूर्व बनाया गया था। अब वर्तमान में सड़क में जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन चुके है। लोकनिर्माण विभाग के द्वारा मरम्मत नहीं किए जाने से इस सड़क मार्ग से दिन ढलते ही राहगीरों को पैदल चलने में दिक्कत होती है। वहां चालकों को हमेशा दुर्घटना का डर लगा रहता है।
घुमका पहुंच मार्ग का भी हाल बेहाल, ग्रामीण पुर्ननिर्माण के इंतजार में
ज्ञात हो कि इसी मार्ग से ग्रामीणों को तहसील कार्यालय, थाना, साप्ताहिक बाजार घुमका आनाजाना लगा रहता है। इसी मार्ग से छात्रों को सायकल से स्कूल घुमका एवं भैसातरा एवं कॉलेज घुमका शिक्षा अध्ययन के लिए खस्ताहाल सड़कों से प्रतिदिन जाना आना पड़ता है। कुछ इसी तरह क्षेत्र के ग्राम मुड़पार से डुडिया (राजनांदगांव सरहद) तक लगभग पांच किमी की सड़क हालात जर्जर हो चुकी है। यह सड़क मार्ग पुनर्निर्माण व मरम्मत की बाट जोह रहे हैं। जबकि ग्राम भेंडरवानी से बिहावबोड एवं खुरसुल मार्ग की पक्की सड़क की मांग करते करते ग्रामीण थक चुके हैं। जबकि इसकी मांग ग्रामवासियों की ओर से प्रशासन तक पहुंचा चुके है। कुछ इसी प्रकार की मूलभूत मांगों की पूर्ति नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने बीते विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। ना जाने इन ग्रामीणों की मांग कब पूरी होगी।
ज्ञात हो कि इसी मार्ग से ग्रामीणों को तहसील कार्यालय, थाना, साप्ताहिक बाजार घुमका आनाजाना लगा रहता है। इसी मार्ग से छात्रों को सायकल से स्कूल घुमका एवं भैसातरा एवं कॉलेज घुमका शिक्षा अध्ययन के लिए खस्ताहाल सड़कों से प्रतिदिन जाना आना पड़ता है। कुछ इसी तरह क्षेत्र के ग्राम मुड़पार से डुडिया (राजनांदगांव सरहद) तक लगभग पांच किमी की सड़क हालात जर्जर हो चुकी है। यह सड़क मार्ग पुनर्निर्माण व मरम्मत की बाट जोह रहे हैं। जबकि ग्राम भेंडरवानी से बिहावबोड एवं खुरसुल मार्ग की पक्की सड़क की मांग करते करते ग्रामीण थक चुके हैं। जबकि इसकी मांग ग्रामवासियों की ओर से प्रशासन तक पहुंचा चुके है। कुछ इसी प्रकार की मूलभूत मांगों की पूर्ति नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने बीते विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। ना जाने इन ग्रामीणों की मांग कब पूरी होगी।