22 मार्च के जनता कफ्र्यू और इसके बाद लगे लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। रोज कमाने और रोज खाने लोगों की तकलीफ को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर के दानदाताओं और समाजसेवियों की मदद से शहर के कुछ केंद्रों के माध्यम से भोजन तैयार करने का काम शुरू किया था। दूसरे शहरों से आकर यहां रहने वाले मजदूरों और गरीब लोगों के साथ ही लॉकडाउन के चलते अपने शहर के लिए निकले और यहां फंसे लोगों को भी प्रशासन भोजन उपलब्ध करा रहा था लेकिन इस काम में लगातार राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते प्रशासन को इस पूरी व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा है।
प्रशासन के सर्वे पर विवाद जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने और ऐसे लोगों तक सूखा राशन पहुंचाने प्रशासन ने राजस्व अमले के माध्यम से सर्वे का काम कराया है। इस सर्वे में शहर के 51 वार्डों के करीब 17 सौ लोगों को चिह्नांकित किया गया है। सर्वे का आधार यह रहा कि जिन लोगों के पास उज्जवला गैस का कनेक्शन और राशन कार्ड है उन्हें इस तरह की सर्वे सूची से अलग रखा जाए। इसी बात को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए सर्वे सूची में अपने वार्ड के लोगों के नाम जोडऩे की बात की है। हालांकि प्रशासन ने पार्षदों से निर्धारित प्रपत्र में नाम मांगे हैं लेकिन यह भी कहा गया है कि उनके द्वारा दिए गए नाम को सरकारी अमले द्वारा पहले प्रमाणित किया जाएगा और इसके बाद लोगों को सहायता दी जाएगी।
महापौर, पूर्व निगम अध्यक्ष से आयुक्त का हुआ विवाद सर्वे सूची और भोजन वितरण को लेकर शुक्रवार को महापौर हेमा देशमुख का नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक से विवाद भी हुआ। गांधी सभागृह में भोजन व्यवस्था का निरीक्षण करने पहुंची महापौर देशमुख ने सर्वे सूची को लेकर नाराजगी जाहिर की। हालांकि आयुक्त ने इसे प्रशासन द्वारा तय बताया। इसी बात को लेकर भाजपा पार्षद और पूर्व निगम अध्यक्ष शिव वर्मा की भी आयुक्त कौशिक से कहा सुनी हुई।
अब बंट रहा सूखा राशन जरूरतमंद परिवारों को वितरण के लिए सकल जैन संघ ने 3 हजार पैकेट तैयार कर प्रशासन को दिए हैं। इस पैकेट में चावल को छोड़कर सभी जरूरी राशन के सामान है। इसके अलावा महेश्वरी समाज ने भी प्रशासन को राशन के पैकेट दिए हैं। नगर निगम और प्रशासन का अमला इसे जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाने का काम कर रहा है। अब लोगों तक सूखा राशन ही पहुंचाने का काम किया जाएगा। दूसरे शहर से आए प्रवासी लोगों के लिए कलक्टोरेट परिसर में आपदा विभाग की देखरेख में भोजन तैयार किया जाएगा।
राशन जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने कहा कि पार्षदों से निर्धारित प्रपत्र में छूटे हुए लोगों के नाम मांगे गए हैं। उनसे सूची मिलने के बाद उसकी जांच कराकर जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम किया जाएगा।