पशु पालन विभाग की ओर से डॉक्टरों की टीम न भेजकर जिम्मेदार अधिकारियों के स्थान पर अनभिज्ञ कर्मचारियों को भेजकर औपचारिकता निभाई जा रही है। जिला प्रशासन के निर्देशन पर 1 दिन मात्र 2 से 3 घंटे शिविर के नाम पर बकरियों की जांच की गई। जिम्मेदार कर्मचारियों के नहीं आने से बकरियों के मौत का क्रम निरंतर जारी है। ग्राम के हिरोदी बाई यादव अपनी पीड़ा बताते हुए कहां की परिवार के जीवन यापन करने के लिए बकरी पालन एकमात्र साधन है और बकरियों का मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा यदि शासन की ओर से शीघ्रता से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है यदी शासन से शीघ्रता शीघ्र उचित मुआवजा नहीं मिला तो परिवार के सामने आर्थिक संकट आ जाएगा।
बकरियों के मरने की संख्या डेढ़ सौ से पार ग्राम के खेम लाल यादव 15 नग, जेठू राम 16 नग, सुकालू यादव 15 नग, रोहित कुमार खरे 10 नग, छोटे सलाल 10 नग, अकालू 10 नग, गुहा 5 नग, दीपक कुमार 10 नग, भूखन पांच नग, कुंती बाई 15 नग, कालूराम 10 नग, सुमन बाई पांच नग, गिरिजाबाई 15 नग सहित अन्य लोगों की लगभग डेढ़ सौ बकरियां अज्ञात बीमारी के चलते अपनी जान गवां चुकी है।