बारिश में महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारी कमजोर नजर आ रही है। हालांकि जून में पखवाड़ा चलाकर लोगों को जागरुक करने का दावा स्वास्थ्य विभाग ने किया था, लेकिन ये आने वाले समय में ही तय हो पाएगा कि लोगों को जागरुक करने में स्वास्थ्य विभाग कितना सफल रहा है।
डेंगू व मलेलिया मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। डेंगू के मच्छर (एडिज एजिप्टी) साफ पानी में भी पनपता है। वहीं मलेरिया मादा एनोफिलिस मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लिए सोते समय मच्छरदानी और मच्छर मारने की दवाई का उपयोग कर सकते हैं। डायरिया और पीलिया जल जनित रोग है। इससे बचने के लिए इस मौसम में साफ और उबले हुए पानी का सेवन करना चाहिए।
इधर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी स्नैक की दवा और कुत्ता काटने पर लगने इजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। जबकि बारिश शुरू होने के बाद सर्पदंश के मामले सामने आने लग हैं। हाल ही में बिच्छू के डंक से एक मासूम बच्चे की मौत हो गई है। बारिश के दिनों वनांचल से सर्पदंश की शिकायत अधिक आती है। वहीं कुत्तों के काटने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं।