पुल में लगभग साल भर पानी भरा रहता है। अपातकाल या पुल पर ज्यादा पानी होने की स्थिति में तीन किमी की सफर के लिए लोगों को पांच से आठ किमी घुमकर आसरा पहुंचना पड़ता है। छिट-पुट दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। डोंगरगांव क्षेत्र में दूसरी बार विधायकी संभाल रहे दलेश्वर साहू ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इससे पीडि़त गांव के लोगों में रोष का माहौल है।
क्षतिग्रस्त होने लगा है पुल यह नाला सूखा नाला का डूबान क्षेत्र है। पूरे सालभर पानी में डूबे रहने के कारण पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस पुलिया से कई लोग गिर चुके हैं और हमेशा खतरा बना रहता है। बारिश के दिनों में पानी अधिक होने की स्थिति में लोगों को घुमकर आसरा पहुंचना पड़ता है। इस संबंध में ग्राम पंचायत आसरा से मिली जानकारी अनुसार पुलिया निर्माण के लिए पिछले साल जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर आवेदन दिया गया था और बजट में शामिल भी किया गया है, लेकिन स्थल पर अब तक कुछ नहीं हुआ है।
स्कूली बच्चों और राहगीरों को होती है पेरशानी ज्ञात हो कि आसरा में हाई व हायर सकेण्डरी की पढ़ाई के लिए अड़ाम, दर्राबांधा और सांगिनकछार के बच्चे पहुंचे हैं। करीब दो सौ बच्चे इस मार्ग रोजाना जान-जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। ऐसे में यदि कभी पुल से बच्चे नीचे चले जाते हैं, तो अनहोनी हो सकती है। स्कूली बच्चे अपनी साइकिल, बस्ता और स्कूल ड्रेस को बचाते हुए पुलिया में भरे पानी को पार करते हैं। ग्रामीण और शिक्षक अपने सामान और मोटर साइकिल को संभालते हुए निकलते हैं।
काई काम नहीं हुआ आसरा के सरपंच राजाराम पंचारी ने कहा कि पुलिया के ऊपर लगभग सालभर पानी भरा रहता है। कई दुर्घनाएं भी हो चुकी हैं। उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए पूर्व सांसद को आवेदन दिया गया था। बजट में शामिल करने की जानकारी मिली थी, लेकिन सालभर बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ है।
विधानसभा में इसे रखा जाएगा डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू का कहना है कि बहुत जरूरी मांग है। बच्चों व ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कतें हो रही है, जिसका खेद है। पुल निर्माण को बजट में शामिल कर लिया गया है। मैं खुद मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात करूंगा और विधानसभा में भी इसे रखा जाएगा।