मामला चिखली से लेकर पदुमतरा और वहां से लेकर रंगकठेरा होते हुए सुकुलदैहान, मोतीपुर तक बनने वाली सड़क से जुड़ा है। इसके अलावा ठेलकाडीह से ढारा तक और बेलगांव-अछोली में सड़क का निर्माण हो रहा है।
इस लंबे चौड़े सड़क निर्माण का ठेका मेसर्स सेवासिंग ओबेराय को मिला है। एक साथ कई क्षेत्रों में हो रहे इस काम में मुरूम का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है और ठेकेदार इसके लिए खनिज अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध तरीके से मुरूम की खुदाई में लगा हुआ है।
इस लंबे चौड़े सड़क निर्माण का ठेका मेसर्स सेवासिंग ओबेराय को मिला है। एक साथ कई क्षेत्रों में हो रहे इस काम में मुरूम का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है और ठेकेदार इसके लिए खनिज अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध तरीके से मुरूम की खुदाई में लगा हुआ है।
मेसर्स सेवासिंग ओबेराय ने सड़क निर्माण के लिए खनिज विभाग से कुल ८ मुरूम खदान स्वीकृत कराए हैं। खनिज इंस्पेक्टर एफएल नागेश से मिली जानकारी के अनुसार धरमापुर, धौराभांठा, तिलईभांठ, गातापारकला, कलकसा, बड़े कुसमी, लिटिया और रेंगाकठेरा में इस कंपनी ने मुरूम खदान स्वीकृत कराया है।
खोद दी सरकारी जमीन
पता चला है कि यहीं पर ग्राम के कोटवार को जीवन-यापन के लिए मिली सरकारी जमीन भी थी, जिसे भी मुरूम निकालने के लिए खोदा जा रहा था। इसकी शिकायत के बाद इसकी खुदाई बंद की गई। उपाध्यक्ष डोंगरगढ़ जनपद पंचायत जयपाल सिन्हा ने बताया कि ठेकेदार खुड़मुड़ी से बेहिसाब खनन कर ग्रामीणों की जमीन को खराब कर रहा है। इसकी शिकायत भी की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पता चला है कि यहीं पर ग्राम के कोटवार को जीवन-यापन के लिए मिली सरकारी जमीन भी थी, जिसे भी मुरूम निकालने के लिए खोदा जा रहा था। इसकी शिकायत के बाद इसकी खुदाई बंद की गई। उपाध्यक्ष डोंगरगढ़ जनपद पंचायत जयपाल सिन्हा ने बताया कि ठेकेदार खुड़मुड़ी से बेहिसाब खनन कर ग्रामीणों की जमीन को खराब कर रहा है। इसकी शिकायत भी की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
खनिज अधिकारी राजनांदगांव एम चंद्रशेखर ने बताया कि खुड़मुड़ी में मुरूम खदान की स्वीकृति नहीं है। अवैध खनन की शिकायत नहीं मिली है। अब आपसे पता चल रहा है तो टीम भेजकर कार्रवाई करेंगे। परियोजना प्रबंधक, छग. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन, एससी आर्य ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए मुरूम खनन की अनुमति की जानकारी ठेकेदार द्वारा दी जाती है। यदि कहीं अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है तो पता करवाएंगे।
अवैध तरीके से मुरूम के खनन की शिकायत पर पत्रिका टीम ने रेंगाकठेरा से लगे खैरा ग्राम पंचायत के खुड़मुड़ी का दौरा किया तो पाया कि यहां कुछ किसानों से मिलीभगत कर उनके खेत को दिन-रात खोदकर बेहिसाब मुरूम निकाला जा रहा है। यहां यह पता चला कि ठेकेदार के लोग तीन पोकलैंड-जेसीबी और १८ से २० हाइवा गाड़ी लगाकर १० से १२ लोगों की जमीन में खुदाई कर हर दिन सवा सौ से ज्यादा गाड़ी मुरूम निकाल रहे हैं। यहां से मुरूम निकालने का खेल महीने भर से ज्यादा समय से चल रहा है।
खुड़मुड़ी ग्राम पंचायत खैरा का आश्रित गांव है। यहां की सरपंच यसमीन सिन्हा है। पंचायत का काम उनके ससुर गंगाराम सिन्हा देखते हैं। पत्रिका से बात करते हुए गंगाराम सिन्हा ने बताया कि ठेकेदार गलत तरीके से ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर उनकी जमीन में खुदाई कर रहा है और यहां से हर दिन सैकड़ों ट्रिप मुरूम का खनन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में तय किया गया था कि खुड़मुड़ी गांव के तालाब की खुदाई ठेकेदार करेगा और वहां से मुरूम निकालकर उपयोग करेगा। इसके बदले में वह तालाब में पचरी आदि बनाकर देगा लेकिन गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध कर दिया और यह काम नहीं हो पाया।
खनिज अधिनियम के अनुसार तालाब या कुआं आदि खोदने के लिए जमीन की खुदाई की जा सकती है लेकिन वहां से निकले मिट्टी या मुरूम को दूसरी जगह पर नहीं ले जाया जा सकता। यह नियम के विपरीत है। परिवहन के लिए खनिज विभाग की अनुमति जरूरी है। इस मामले में ग्रामीणों ने अपनी जमीन पर खनन की अनुमति दी है और ठेकेदार इस मुरूम का परिवहन कर रहा है। ऐसे में दोनों के खिलाफ मामला बनता है।
सड़क के निर्माण के लिए इतनी मात्रा में अवैध तरीके से मुरूम निकालने के मामले में खनिज विभाग का कहना है कि उनको इसके बारे में जानकारी ही नहीं है। हालांकि खनिज विभाग का कहना है कि खुड़मुड़ी में किसी प्रकार की मुरूम निकासी की स्वीकृति नहीं दी गई है लेकिन वे यह भी कहते हैं कि यहां से मुरूम खनन को लेकर उनके पास कोई शिकायत न पहले आई है और न उनको ऐसी कोई जानकारी है।