scriptनि: शुल्क चावल देने के नाम पर शासकीय राशन दुकान में की जा रही गरीबों से अवैध वसूली … | Illegal recovery from poor being made in government ration shop in the | Patrika News

नि: शुल्क चावल देने के नाम पर शासकीय राशन दुकान में की जा रही गरीबों से अवैध वसूली …

locationराजनंदगांवPublished: Jul 10, 2020 08:00:31 am

Submitted by:

Nitin Dongre

पालिका में नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

Illegal recovery from poor being made in government ration shop in the name of giving free rice ...

नि: शुल्क चावल देने के नाम पर शासकीय राशन दुकान में की जा रही गरीबों से अवैध वसूली …

डोंगरगढ़. कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जहां प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप अप्रैल मई-जून 3 माह तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिकों को प्रतिमाह 35 किलो चावल नि:शुल्क दिया गया। वहीं जुलाई से इस चावल के 35 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। इस तरह का आरोप नेता प्रतिपक्ष अमित छावड़ा ने लगाए हैं। राज्य सरकार की घोषणा के बाद नागरिकों से वसूल किए जा रहे पैसे पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी कुछ और करनी कुछ और है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जुलाई से नवंबर तक इस वर्ग के प्रदेश के नागरिकों को नि:शुल्क चावल देने की घोषणा की थी, किंतु उस पर अमल नहीं हुआ है। आज सुबह जैसे ही उन्हें खबर लगी वे 10 बजे से ही अपने वार्ड की राशन दुकान पर पहुंचे और जानकारी ली तो राशन दुकानदार ने बताया कि उसे इस का आदेश आया है कि चावल की राशि वसूल करना है। इसलिए वे प्रत्येक उपभोक्ता से 1 रूपए किलो की दर से चावल दे रहे हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार नवंबर माह तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिकों को नि:शुल्क चावल देना है और वास्तव में यह हो नहीं रहा। इसके अलावा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को प्रतिमाह 1 किलो चना व नमक सहित राहर दाल भी मुफ्त में मिलना है। उन्हें 1 किलो शक्कर भी 17 रूपए किलो की दर से मिलती है। जून माह तक इस वर्ग के कई नागरिकों को चना नहीं मिला है। इसकी शिकायत भी उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी से की है।
मिट्टी तेल रूपए 10 महंगा

अमित छावड़ा ने बताया कि राशन दुकान में गत जून माह तक जो मिट्टी तेल 17 रुपए की दर से मिल रहा था।उ गरीबों को उस मिट्टी तेल के अब 27 रूपए दाम चुकाने पड़ रहे हैं। इस संबंध में जब हमने खाद्य निरीक्षक मनीष चितले से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि 25.91 रुपए की दर से शासन द्वारा मिट्टी तेल बेचने के आदेश दिए गए है, उसी दर पर मिट्टी तेल बेचने के निर्देश दुकानदारों को उन्होंने दिए हैं। चना का भंडारण किया गया है। जून माह में जिन उपभोक्ताओं को चना नहीं मिला है, उन्हें चना दिया जाएगा। नमक के बारे में उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को एक किलो नमक मुफ्त में दिया जाना है, किंतु कुछ दुकानों में अभी तक नमक का भंडारण नहीं हो पाया है। इसलिए इसे चालू नहीं किया गया है। जुलाई माह में नमक का निशुल्क वितरण इस वर्ग के लोगों को किया जाएगा। चावल के मूल्य के बारे में उन्होंने कहा कि जिस तरह के दिशा-निर्देश उन्हें उच्च अधिकारियों से मिले हैं। उसी प्रकार उन्होंने राशन दुकानदारों से एक रुपए प्रति किलो की दर से चावल बेचने के निर्देश दिए गए हैं।
अचानक राशन दुकानें हुई बंद

जैसे ही नेता प्रतिपक्ष अमित छावड़ा में राशन दुकानों में दबिश दी तो फटाफट नगर की अन्य राशन दुकाने बंद कर दी गई। छावड़ा ने बताया कि उपभोक्ताओं से अधिक मूल्य लिया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने सांसद संतोष पांडे से भी शिकायत की है। पूरे मामले को संज्ञान में लिया जा रहा है और जल्द ही भाजपा इस विषय पर बड़ा आंदोलन करेगी। गरीबों से अतिरिक्त वसूली वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जांच के आदेश दिए हैं

इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी अविनाश भोई ने कहा कि उन्हें मिट्टी तेल महंगा मिलने की शिकायत की गई है, जिस पर उन्होंने खाद्य निरीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो