राजनंदगांव

फैक्ट्री में मजदूरी की हुई मौत, शव रख कर फैक्ट्री के सामने यह किया …

सोमनी थाना क्षेत्र के जोरातराई में संचालित क्रस्ट स्टील प्लांट का मामला

राजनंदगांवJul 21, 2019 / 08:50 pm

Nitin Dongre

फैक्ट्री में मजदूरी की हुई मौत, शव रख कर फैक्ट्री के सामने यह किया …

राजनांदगांव. सोमनी थाना क्षेत्र के जोरातराई में संचालित क्रस्ट स्टील प्लांट में काम करते समय एक मजदूर की अचानक मौत हो गई। मजदूर की मौत किस वजह से हुई कारण स्पष्ट नहीं है। मौत के बाद नियमानुसार मुआवजा देने की मांग को लेकर आक्रोशित मजदूर व ग्रामीणों ने शव को फैक्ट्री के सामने रखकर प्रबंधन का घेराव कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार जोरातराई निवासी 45 वर्षीय आत्माराम साहू पिता बिदेशी राम क्रस्ट स्टील प्लांट में मजदूरी का काम करता था। शनिवार को मजदूर आत्मा राम फैक्ट्री में काम कर रहा था और अचानक गश खाकर गिर गया। कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूर आत्मा राम को अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत होने की जानकारी प्रबंधन द्वारा उनके परिजनों को दी गई।
मजदूरों का कहना फैक्ट्री में ही हो चुकी थी मौत

वहीं इस मामले में मजदूरों ने बताया कि काम करते समय तबीयत बिगडऩे के बाद आत्मा राम की मौत फैक्ट्री में ही हो चुकी थी, लेकिन प्रबंधन द्वारा आत्माराम को जीवित बता कर इलाज के नाम पर उसे अस्पताल ले जाया गया और शनिवार दिन व रात भर मरचुरी में रखा गया। इसके बाद रविवार को पोस्ट मार्टम के बाद शव को गांव लाया गया। मजदूरों ने बताया कि आत्माराम की मौत मौके पर ही होने के बाद भी प्रबंधन द्वारा गुमराह करने के नाम पर उसे अस्पताल पहुंचाया गया। मजदूर की मौत किस वजह से हुई पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा।
10 लाख मुआवजा और एक को नौकरी की मांग

मजदूर के शव को फैक्ट्री के सामने रखकर जोरातराई के ग्रामीण और मजदूर 10 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी के नाम पर अड़े रहे। प्रबंधन द्वारा शर्त नहीं माने जाने पर फैक्ट्री के सामने जमकर हंगामा मचाते रहे। फैक्ट्री घेराव की जानकारी मिलते ही सोमनी पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंची। वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव व क्षेत्र के जनपद सदस्य जितेन्द्र साहू भी ग्रामीणों के साथ धरना में शामिल हुए। जनप्रतिनिधियों ने भी मजदूरों व ग्रामीणों की मांग को उचित ठहराते हुए प्रबंधन से बातचीत शुरु की।
शव को फैक्ट्री में छोड़ कर चले गए ग्रामीण

मिली जानकारी के अनुसार मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन कर रहे परिजन, ग्रामीण, मजदूर व जनप्रतिनिधियों और कंपनी प्र्रबंधन के बीच देर रात तक बैठक चली, लेकिन प्रबंधन द्वारा मुआवजा देने से इंकार कर दिया गया। इस मामले को लेकर खबर लिखे जाने तक कोई हल नहीं निकल पाया था। ग्रामीण शव को फैक्ट्री के अंदर रख कर चले गए थे।
रिसाल्वेशन प्रोफेशन के अंडर में फैक्ट्री

फैक्ट्री प्रबंधन के क्रांति ऋषि ने पत्रिका से चर्चा करते हुए बताया कि क्रस्ट स्टील प्लांट दिवालिया घोषित हो चुका है। कंपनी अब बैंक और एनएसीएलटी कोर्ट के आरपी ( रिसाल्वेशन प्रोफेशन) के अंडर में है। उन्होने बताया कि मुआवजा की राशि प्रबंधन नहीं दे सकती।
10 लाख मुआवजे की मांग अनुचित

एजीएम, क्रस्ट स्टील प्लांट के क्रांति ऋषि ने इस मामले पर कहा कि मजदूर काम कर रहा था इस दौरान पेट में दर्द होने की बात कही। उसे तत्काल कंपनी के हेल्थ सेंटर में इलाज के लिए ले जाया गया। इसके बाद उसे ईएसआई अस्पताल पहुंचाया गया। मजदूर की हालत गंभीर होने से उसे चन्दूलाल चन्द्राकर अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल ले जाते समय मजदूर ने रास्ते में दम तोड़ दिया। मजदूर की मौत फैक्ट्री में किसी दुर्घटना से नहीं हुई है। नेचुरल मौत है। 10 लाख मुआवजा की मांग अनुचित है।
नौकरी की मांग पर प्रदर्शन पर डटे थे

सोमनी थाना प्रभारी नवी मोनिका पाण्डेय ने इस मामले पर कहा कि मजदूर के परिजन और ग्रामीण 10 लाख मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी की मांग पर प्रदर्शन पर डटे थे। प्रबंधन द्वारा जानकारी दी गई कि कंपनी एनएसीएलटी कोर्ट के अंडर रिसाल्वेशन के अंडर है। मुआवाजे की राशि वहीं से तय होने की जानकारी दी। ग्रामीणों को समझाइश दी गई, लेकिन वे लोग प्रदर्शन पर डटे हैं।
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