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जनवरी में ही आने लगी जल संकट की आहट, पानी के लिए परेशान हो रहे लोग

locationरायपुरPublished: Jan 15, 2019 02:07:46 am

कई गांवों में अभी से करनी पड़ रही पानी के लिए मशक्कत

water crisis

In the month of January, the water crisis, the people getting disturbed for water

छतरपुर. कम बारिश के कारण जिले में जनवरी माह में ही जल संकट अपने पांव पसारने लगा है। अभी से ही जिले की 47 नल-जल योजनाएं और 416 हैंडपंप बंद हो गए हैं। यदि ऐसी ही स्थ्तिी रही तो जिले में जल संकट की स्थिति विकराल हो सकती है। हालाकि विभाग ने कमर कस ली है। विभाग द्वारा आगामी 15 जनवरी से एक महीने तक बंद हैंडपंपों को चालू करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा है। बीते साल जिले में कम बारिश होने के भूजल स्तर में कमी है। इससे इस बात की आशंका पहले से थी कि जिले में इस बार गर्मी शुरू होने के पहले से ही जल संकट की स्थिति निर्मित हो जाएगी। गांवों में पेयजल की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। जल स्तर में लगातार गिरावट आने के कारण हैंडपंप और नल-जल योजनाओं के जल स्रोत लगातार जवाब देते जा रहे हैं। जिले के ग्रामीण अंचलों में10212 हैंडपंप हैं और इनमें से ४१६ अभी से बंद हो गए हैं। इनमें जल स्तर कम होने के कारण कई हैंडपंप बंद हैं। इसी तरह जिले की 348 नल-जल योजनाओं में से 47 बंद पड़ी है। इनमें से जल स्रोत असफल होने के कारण 15 योजनाएं बंद हैं। जिले में जल स्तर कितनी तेजी से गिर रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल से अभी तक दो सौ से अधिक हैंडपंपों में राइजर पाइप बढ़ाए जा चुके हैं। इसके साथ ही कई नए बोर भी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद यह स्थिति सोचनीय बनी हुई है। हालाकि विभाग द्वारा 25 नई नल-जल योजनाओं का प्रस्ताव भेजा है जिसमें से कुछ पर कार्य किया जा रहा है और कुछ पर जल्द की कार्य शुरू कराने के लिए टैंडर प्रक्रिया चल रही है।
सूखे की संभावना को देखते हुए विभाग ने सूखा राहत के तहत नई योजनाओं व हेंडपंपों का प्रस्ताव भिजवाया था। हर साल की तरह इस साल भी इसके बदले तो कोई राशि नहीं मिली है। लेकिन विभाग को यह अनुमति जरुर मिल गई है कि जल स्तर गिरने से यदि जरूरत पड़ी तो विभाग और फीट गहरे बोर तक कर सकेगा। इसके साथ ही गहरे जल स्तर वाले हैंडपंपों से पानी निकालने के लिए सिंगल फेस सब मर्सिबल पंप भी मुहैया कराए जा रहे हैं।

सूखने लगे बोर, रुक-रुककर आ रहा हैंडपंपों में पानी
जिले में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। यही कारण है कि हैंडपंप और जल स्रोत लगातार दम तोड़ते जा रहे हैं। खासतौर से बकस्वाहा, बड़ामलहरा, गौरिहार, नौगांव व बिजावर ब्लॉक में हालत अभी से बेहद खराब है। यहां के गांव की स्थिति यह है कि यहां नल-जल योजना के अधिकांश बोर सूख चुके हैं। इसके चलते यहां पर नया बोर खनन करने की तैयारी है। इसी तरह कई स्थानों में नल-जल योजना के बोर से कम पानी आ रहा है। इसलिए इसे भी साफ करने की तैयारी ग्राम पंचायत द्वारा की जा रही है। अन्य कई गांवों में भी पानी की स्थिति खराब होती जा रही है।

विभाग अलर्ट, अभियान चलाकर सुधारेंगे हैंडपंप
पीएचई विभाग ने अभी से जल संकट की स्थिति को काबू में रखने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विभाग आगामी 15 जनवरी से 15 फरवरी तक हैंडपंप व नल-जल योजनाओं का विशेष संधारण अभियान चलाएगा। इसमें बंद हैंडपंपों को सुधार कर चालू किया जाएगा। जो हैंडपंप चालू हैं उनकी ग्रीसिंग और आवश्यक मरम्मत की जाएगी। असुधार योग्य हैंडपंपों को निकालकर बंद किया जाएगा। फूट या खराब राइजर पाइपों को बदला जाएगा, जल स्तर में गिरावट को देख कर राइजर पाइप बढ़ाए जाएंगे। इस अभियान के साथ-साथ ही योजनाओं का भौतिक सर्वेक्षण भी किया जाएगा।

ये रहे जिले के आंकड़े
हैंडपंपों की स्थिति
कुल हैंडपंप 10112
चालू हैंडपंप 9796
बंद हैंडपंप 416
सुधार योग्य 61
अन्य कारण से बंद 355
नल-जल की स्थिति
कुल योजनाएं 348
चालू योजनाएं 301
बंद योजनाएं 47
जल स्तर गिरने से बंद 15
स्थाई कनेक्शन नहीं 05
मोटर पंप खराब होने से 05
कई कारणों से बंद 17
नए प्रस्ताव 25

आगामी दिनों में जल संकट की स्थिति को देखते हुए विभाग पूरी तरह सतर्क है और जल संकट से निपटने के लिए अभी से जमीनी स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही एक विशेष अभियान चलाकर हैंडपंपों और नल-जल योजनाओं के सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं नए बोर भी खनन किए जाएंगे।
एसके जैन, ईई पीएचई छतरपुर

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