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खेतों में जाने वाले सिंचाई पानी को रोका 70 एकड़ की फसल बर्बादी के कगार पर

locationराजनंदगांवPublished: Jul 14, 2019 12:55:28 pm

Submitted by:

Nakul Sinha

गातापार जंगल का मामला, 50 से अधिक किसानों ने एसडीएम से की शिकायत

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50 से अधिक ग्रामीण किसान पंचायत प्रतिनिधियों सहित एसडीएम से मिले।

राजनांदगांव / खैरागढ़. ब्लाक के गातापार जंगल के रहवासी किसानों ने गांव में 70 एकड़ से अधिक जमीन पर आमनेर नदी से नहर द्वारा आने वाली सिंचाई पानी को गांव के व्यक्ति विशेष द्वारा रोकने का आरोप लगाते एसडीएम को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की गुहार लगाई है। वनांचल क्षेत्र गातापार जंगल के पचास से अधिक किसान वाहनों में भरकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे। सरपंच टामिन सिन्हा, पूर्व सरपंच घुरऊराम ध्रुर्वे सहित सुखदेव, परसराम, कमलेश कीर्तन, दिलीप, बिरबल, राजकुमार, बलीराम, संजू कमलाबाई, सुरेश गोवर्धन आदि किसानों ने बताया कि गातापार जंगल के खसरा नंबर 81 में स्थित ङ्क्षसचाई नहर से किसान पिछले कई वर्षो से सिंचाई करते आ रहे है। लेकिन वर्तमान में गांव के ही मनोज झा द्वारा नहर को अपने खेतों से गुजरने के कारण नहर को बांध कर बंद कर दिया गया है जिसके कारण 50 से अधिक किसानों की 70 एकड़ से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई है। वहीं गातापार जंगल के किसानों ने बताया कि पूर्व में शासन स्तर पर ही उक्त सिंचाई नहर नाली का निर्माण किया गया था जिससें वर्षो से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल रहा था।
एसडीएम ने पटवारी को दिए जांच के निर्देश
एसडीएम सीपी बघेल ने मामले की गंभीरता को देखते त्वरित रूप से गातापार जंगल हल्का पटवारी को मौके पर जाकर मामले की जांच कर रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। ग्रामीणों की मांगों पर एसडीएम ने त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाते कहा कि किसानों की फसल को नुकसान नही होने दिया जाएगा, जो भी कार्रवाई होगी त्वरित रूप से की जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया जाएगा।
आमनेर से आता है पानी तब होती है सिंचाई
गातापार जंगल के ग्रामीण किसानों ने बताया कि उक्त सिंचाई नहर के कारण ही व्यक्ति विशेष द्वारा रोके गए बंधान के बाद 70 एकड़ से अधिक जमीन पर सिंचाई हो पाती है। उक्त नहर से आमनेर नदी का पानी खेतों तक पहुंचता है। पूरे 70 एकड़ में धान की फसल किसानों द्वारा ली जाती है। ऐसे में पानी रोकने से किसानों के सामने समस्या आ गई है। नहर का पानी बांध कर रोकने वाले से मामले में चर्चा करने पर वह खुद की जमीन में नहर होने का हवाला देकर किसानों की तकलीफ और बढ़ा रहा है। किसानों ने बताया कि पानी नही आने के कारण धान की बुआई प्रभावित हो चुकी है। पानी की खेतों को वर्तमान में ज्यादा दरकार है, पानी नही मिलने से फसल के खराब होने का खतरा है। फिलहाल सप्ताह भर से बारिश भी अटक गई है, ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए पानी की महती जरूरत है। किसानों ने एसडीएम बघेल को खसरा नंबर 81 ङ्क्षसचाई नाली एवं पुराने सड़क की मौके पर जांच कर कार्रवाई की मांग की। किसानों ने बताया कि उक्त सिंचाई नहर नाली शासकीय भूमि पर स्थित है।
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