एसडीएम ने पटवारी को दिए जांच के निर्देश
एसडीएम सीपी बघेल ने मामले की गंभीरता को देखते त्वरित रूप से गातापार जंगल हल्का पटवारी को मौके पर जाकर मामले की जांच कर रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। ग्रामीणों की मांगों पर एसडीएम ने त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाते कहा कि किसानों की फसल को नुकसान नही होने दिया जाएगा, जो भी कार्रवाई होगी त्वरित रूप से की जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया जाएगा।
एसडीएम सीपी बघेल ने मामले की गंभीरता को देखते त्वरित रूप से गातापार जंगल हल्का पटवारी को मौके पर जाकर मामले की जांच कर रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। ग्रामीणों की मांगों पर एसडीएम ने त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाते कहा कि किसानों की फसल को नुकसान नही होने दिया जाएगा, जो भी कार्रवाई होगी त्वरित रूप से की जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया जाएगा।
आमनेर से आता है पानी तब होती है सिंचाई
गातापार जंगल के ग्रामीण किसानों ने बताया कि उक्त सिंचाई नहर के कारण ही व्यक्ति विशेष द्वारा रोके गए बंधान के बाद 70 एकड़ से अधिक जमीन पर सिंचाई हो पाती है। उक्त नहर से आमनेर नदी का पानी खेतों तक पहुंचता है। पूरे 70 एकड़ में धान की फसल किसानों द्वारा ली जाती है। ऐसे में पानी रोकने से किसानों के सामने समस्या आ गई है। नहर का पानी बांध कर रोकने वाले से मामले में चर्चा करने पर वह खुद की जमीन में नहर होने का हवाला देकर किसानों की तकलीफ और बढ़ा रहा है। किसानों ने बताया कि पानी नही आने के कारण धान की बुआई प्रभावित हो चुकी है। पानी की खेतों को वर्तमान में ज्यादा दरकार है, पानी नही मिलने से फसल के खराब होने का खतरा है। फिलहाल सप्ताह भर से बारिश भी अटक गई है, ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए पानी की महती जरूरत है। किसानों ने एसडीएम बघेल को खसरा नंबर 81 ङ्क्षसचाई नाली एवं पुराने सड़क की मौके पर जांच कर कार्रवाई की मांग की। किसानों ने बताया कि उक्त सिंचाई नहर नाली शासकीय भूमि पर स्थित है।
गातापार जंगल के ग्रामीण किसानों ने बताया कि उक्त सिंचाई नहर के कारण ही व्यक्ति विशेष द्वारा रोके गए बंधान के बाद 70 एकड़ से अधिक जमीन पर सिंचाई हो पाती है। उक्त नहर से आमनेर नदी का पानी खेतों तक पहुंचता है। पूरे 70 एकड़ में धान की फसल किसानों द्वारा ली जाती है। ऐसे में पानी रोकने से किसानों के सामने समस्या आ गई है। नहर का पानी बांध कर रोकने वाले से मामले में चर्चा करने पर वह खुद की जमीन में नहर होने का हवाला देकर किसानों की तकलीफ और बढ़ा रहा है। किसानों ने बताया कि पानी नही आने के कारण धान की बुआई प्रभावित हो चुकी है। पानी की खेतों को वर्तमान में ज्यादा दरकार है, पानी नही मिलने से फसल के खराब होने का खतरा है। फिलहाल सप्ताह भर से बारिश भी अटक गई है, ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए पानी की महती जरूरत है। किसानों ने एसडीएम बघेल को खसरा नंबर 81 ङ्क्षसचाई नाली एवं पुराने सड़क की मौके पर जांच कर कार्रवाई की मांग की। किसानों ने बताया कि उक्त सिंचाई नहर नाली शासकीय भूमि पर स्थित है।