26 दिसंबर 2020 में राजनांदगांव जिले ग्राम तोतलभर्री गांव में सागौन तस्करी का मामला पकड़ में आया था। सागौन तस्करी करते आईटीबीपी के जवान पकड़े गए थे। घटना के तत्काल बाद हंगामा मचने के बाद आईटीबीपी ने यहां पदस्थ डीआईजी जाट का तबादला लेह कर दिया था। इस मामले की जांच वन विभाग के अफसर पिछले करीब सालभर से कर रहे हैं लेकिन अब आईटीबीपी मुख्यालय दिल्ली ने इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है। सागौन तस्करी मामले में आईटीबीपी के डीआईजी को भारत सरकार गृह मंत्रालय के आईटीबीपी इंस्पेक्टर जनरल ने बर्खास्तगी का शोकॉज नोटिस जारी किया है।
घटनाक्रम इस प्रकार है कि 26 दिसंबर 2020 को रात को 8 बजे तोतलभर्री के ग्रामीणों ने आइटीबीपी का एक ट्रक पकड़ा जिसमें 14 सागौन के ल_े ले जाए जा रहे थे। मामले ने तूल पकड़ा और वन विभाग तथा पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे वन विभाग ने पीओआर क्रमांक 3571, 26/12/2020 दर्ज करके रुपए 10 हजार रुपए की पेनल्टी लगा के जवानों को छोड़ दिया था।
मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने जांच शुरु की थी तो दूसरी तरफ आईटीबीपी ने भी डीआईजी को हटाने के बाद अपने स्तर पर जांच शुरु की थी। आईटीबीपी ने इस मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई जिसमें 36 गवाहों के और आठ बचाव पक्ष के गवाहों का साक्ष्य लिया गया। जानकारी के अनुसार आईटीबीपी ने जांच में पाया कि तत्कालीन डीआईजी एंटी नक्सल ऑपरेशन राजनादगांव छोटा राम जाट ने 5 जवानों को तोतलभर्री गांव में शासकीय भूमि पर रखे 14 ल_ों को लाने के लिए आइटीबीपी के 44 वीं बटालियन के ट्रक में भेजा।
आईटीबीपी की तरफ से DIG छोटा राम जाट को जारी नोटिस में कहा गया है कि उनको नौकरी से निकालना प्रस्तावित किया गया है। आईटीबीपी एप्स के रूल के तहत 15 दिनों का शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। इधर सागौन तस्करी के मामले में आईटीबीपी ने एक साल के भीतर जांच पूरी कर ली जबकि यहां छत्तीसगढ़ का वन विभाग अब तक जांच ही कर रहा है।