scriptपंचायत ने जारी किया तुगलकी फरमान, मजदूर हो रहे परेशान | Jury released Tughluquid decree, upset to be working | Patrika News

पंचायत ने जारी किया तुगलकी फरमान, मजदूर हो रहे परेशान

locationराजनंदगांवPublished: Feb 17, 2019 03:37:34 pm

Submitted by:

Nitin Dongre

छुरिया ब्लाक के गोड़लवाही पंचायत का मामला

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पंचायत ने जारी किया तुगलकी फरमान, मजदूर हो रहे परेशान

जोंधरा. छुरिया ब्लॉक के एक पंचायत ने एक अजीबो-गरीब फरमान जारी कर गांव के ६० वर्ष से अधिक आयु के मजदूरों को परेशानी में डाल दिया है। पंचायत ने बकायदा कोटवार से मुनादी कर फरमान जारी कर दिया है कि बुजुर्गों को मनरेगा में काम नहीं मिलेगा। हालांकि अफसरों का कहना है कि मनरेगा को लेकर ऐसा कोई नियम नहीं है और काम चाहने वाले बुजुर्गों को उनकी सहुलियत के मुताबिक कम मेहनत का काम मिल सकता है।
छुरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत गोड़लवाही में पंचायत ने ऐसा फरमान जारी किया है। इस फरमान के जरिए पंचायत ने ६० वर्ष सेे अधिक आयु के बुजुर्गो को मनरेगा में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पंचायत के इस एकतरफा फरमान के चलते सैकड़ों ग्रामीण काम के होते हुए भी बेरोजगार हो गए हैं। इनमें से कई बुजुर्ग तो ऐसे भी हैं जिन्हें न तो पेंशन ही प्राप्त हो रहा है और न ही कोई काम।
सरपंच पर कार्यवाही की मांग

सरकार की गरीबों के लिए राष्ट्रीय स्तर की मनरेगा के विरूद्ध अपनी खुद की नियम बनाने वाली सरपंच पर ग्राम पंचायत के समस्त 60 वर्षीय बुजुर्गो ने कार्यवाही की मांग की है।
मुनादी कर दी गई जानकारी

बकायदा ग्रामीणों को इसकी जानकारी गांव में कोटवार के माध्यम से मुनादी कर दी गई है। पंचायत के इस मनमाने फैसले के चलते काम की इच्छा रखने वाले कई ग्रामीणों को काम नहीं मिल रहा है। आय का और कोई साधन नहीं होने से बुजुर्ग ग्रामीणों को आजीविका के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
अन्य पंचायतों में नही है नियम

गोडलवाही पंचायत के निकटस्थ ग्राम पचंायत राणा मटिया, करमरी, कलडबरी, रतनभाट, अरजकुण्ड, उमरवाही, जवानटोला, परेवाडीह, मासुलकसा, गिदर्री, सम्बलपुर, जोंधरा किसी भी पंचायत में इस प्रकार का बेतुका नियम संचालित नही है यहॉ बुजुर्गो को भी पंचायत द्वारा सम्मान के साथ काम दिया गया है।
जॉबकार्ड पर काम नहीं

गोड़लवाही निवासी झग्गरराम साहू ने पत्रिका को बताया कि उनका नाम जॉबकार्ड में है लेकिन उन्हें काम में लेने से मेट व सचिव ने मना कर दिया है। कारण पूछने पर बताया गया कि 60 वर्ष से अधिक के उम्र व्यक्तियों को काम में नही लिया जा रहा है। झग्गरराम ने कहा कि वो उतना ही गढ्ढा खोद के देंगे जितने कि दूसरे अन्य मनरेगा मजदूर, पर पंचायत से उसे काम नहीं मिल रहा है।
शासकीय नियम नहीं

ग्राम पंचायत के सचिव शिव कुमार कोठारी ने बताया कि ऐसा कोई शासकीय नियम नहीं है, लेकिन 60 वर्ष के बुजुर्गो को काम में नहीं लेने की व्यवस्था पंचायत ने की है। सवाल यह उठता है कि नियम नहीं होने के बाद कोई पंचायत आखिर राष्ट्रीय स्तर पर चलने वाले मनरेगा को लेकर पृथक से कानून कैसे बना सकता है।
आयु का बंधन नहीं है

जिला पंचायत सीईओ तनुजा सलाम ने कहा कि मनरेगा में काम के लिए आयु का बंधन नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोगों को काम मिलना चाहिए। बुजुर्गों को उनकी शारीरिक क्षमता के अनुसार सहुलियत के काम दिए जा सकते हैं।

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