वर्ष 2013 व वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में नोटा एक बड़ा फैक्टर रहा है। यहां तक हार-जीत को भी प्रभावित करता है। वर्ष 2018 के चुनाव को देखें तो देवव्रत सिंह ने मात्र 870 वोटों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में नोटा के खाते में 3068 वोट पड़े थे और पांचवे स्थान पर था जबकि वर्ष 2013 के चुनाव में 4643 वोट पड़े थे। कई उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले थे और उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी।
चुनावी रण में अब 10 प्रत्याशी
Khairagarh Byelection 2022 : कांग्रेस से यशोदा वर्मा, भाजपा से कोमल जंघेल, जोगी कांग्रेस से नरेन्द्र सोनी, फारवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी से विप्लव साहू, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से संतोषी प्रधान, अम्बेडकराइड पार्टी ऑफ इंडिया से ढालचंद साहू, शिवसेना से नितिन भाण्डेकर, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी से मोहन भारती और निर्दलीय प्रत्याशी में साधू सिंह धु्रर्वे और अरुणा बनाफर।
Khairagarh Byelection 2022 : घोषित कार्यक्रम के अनुसार उप चुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान होगा जबकि मतगणना 16 अप्रैल को होगी। गौरतलब है कि यह सीट खैरागढ़ रियासत के राजा और विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई है।
वर्ष 2018
पार्टी प्रत्याशी प्राप्त मत
जेसीसी देवव्रत सिंह 61516 ( निर्वाचित)
भाजपा कोमल जंघेल 60646
कांग्रेस गिरवर जंघेल 31811
नोटा 3068
शिवसेना दिनेश सिंह 1775
निर्दलीय ज्ञानेंद्र कुमार वर्मा 1456 ————————-
वर्ष 2013
कांग्रेस गिरवर जंघेल 70133 मत (निर्वाचित)
भाजपा कोमल जंघेल 67943
नोटा 4643
बीएसपी पारस जंघेल 3046
निर्दलीय भूषणलाल सतनामी 1939