डोंगरगढ़ ब्लाक (Dongargarh Block) के खातूटोला बैराज के बंधान की मिट्टी धंसने के बाद आनन-फानन में तीन गेट खोल दिए गए हैं। बैराज के नीचे तीन बस्तियों में अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। पानी छोडऩे पर फसल बर्बाद होने की भी आशंका है।
बड़ी खबर: खातूटोला बैराज का बंधान टूटा, जल संसाधन विभाग में मचा हड़कंप, बस्तियों को खाली कराने अलर्ट जारी
राजनांदगांव. डोंगरगढ़ ब्लाक के खातूटोला बैराज के बंधान की मिट्टी धंसने के बाद आनन-फानन में तीन गेट खोल दिए गए हैं। पिछले दिनों हुई अच्छी बारिश के बाद बैराज में तकरीबन 70 फीसदी जल भराव हो चुका था। यही कारण है बंधान दबाव नहीं झेल पाया और धंस रहा है। इस वजह से बैराज को खाली कराने तकरीबन 10-15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में बैराज के नीचे तीन बस्तियों में अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। पानी छोडऩे पर फसल बर्बाद होने की भी आशंका है।
तीन दिन पहले खैरागढ़ क्षेत्र के मुढ़ीपार स्थित बैराज के गेट का आर्म क्षतिग्रस्त होने का मामला अभी शांत नहीं हुआ और मंगलवार को डोंगरगढ़ ब्लाक के खातूटोला बैराज के बंधान से मिट्टी धंसने के मामले ने जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों (water resources department Chhattisgarh) के कान खड़े कर दिए हैं। इधर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठना शुरू हो गया है।
आठ से दस फीट मिट्टी धंसी सालों पुराने बने बैराज का समय-समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण बंधान कमजोर हो चुका है। यही कारण है कि बैराज के मुख्य गेट के थोड़ी दूर पर नाले में पानी छोडऩे के लिए बनाए गेट के पास करीब 8-10 मीटर की चौड़ाई में मिट्टी धंस गई है। करीब 8 फीट गहराई तक मिट्टी धंस गई है। भारी मात्रा में बैराज से निकलने वाला पानी धान की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है।
सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग के अधिकारी कर्मचारी पहुंचकर निरीक्षण में जुटे हैं। मौके पर पहुंचे अधिकारी-कर्मचारियों ने बैराज को खाली कराने का निर्णय लिया है। पानी निकासी के बाद निचले क्षेत्र की बस्ती महाराजपुर, नांगरकोहरा व शिकारीटोला में अलर्ट जारी कराया गया है। फिलहाल सरपंचों को फोनिक सूचना दी गई है। इसके बाद मुनादी कराई जाएगी।
आर्म क्षतिग्रस्त मामले में लीपापोती शुरू तीन दिन पहले मुढ़ीपार के प्रधानपाठ बैराज का गेट पानी का दबाव नहीं झेल पाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। विभागीय अधिकारी, कर्मचारी अपनी खामी छिपाने के लिए लकड़ी के ग_े के दबाव में गेट के आर्म का क्षतिग्रस्त होना बता रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग रखी है।