ज्ञात हो कि गांव में चल रहे तालाब गहरीकरण में तीसरे सप्ताह की मजदूरी में 50 रुपए प्रतिदिन मजदूरों को कम भुगतान कर दिया गया है। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने इंजीनियर व रोजगार सहायिका के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्हें गांव में रखकर जनपद पंचायत के सीईओ को बुलाने के लिए अड़े रहे। इस विवाद के बीच इंजीनियर संजय हेड़ाऊ से कुछ ग्रामीणों ने धक्का-मुक्की कर दी।
मोखला के ग्रामीण-मजदूरों ने इंजीनियर पर शराब के नशे में आकर महिला मजदूरों से बदसलूकी करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इसके अलावा इंजीनियर व रोजगार सहायिका पर अपने जाति का डर दिखाते हुए धौंस जमाने का भी आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी रोजगार सहायिका ने एक मजदूर को चप्पल से मारने का प्रयास कर चुकी है।
ग्रामीणों के खिलाफ मारपीट करने की शिकायत के बाद रविवार को ग्रामीण काम धाम छोड़कर कड़ी धूप में पैदल ही थाने के लिए कूच कर गए। बड़ी संख्या में ग्रामीणों की थाने पहुंचने की जानकारी पर पहले ही गेट बंद कर दिया गया था। इसके बाद ग्रामीण वहीं बाहर ही बैठ गए। थानेदार बाहर निकले और धारा 144 लागू होने के बाद भी भीड़ में आने को लेकर नाराजगी जाहिर की। फिर ग्रामीणों ने कहा कि इंजीनियर और रोजगार सहायिका अपने गलतियों पर परदा डालने के लिए ग्रामीणों के खिलाफ मारपीट करने का झूठा आरोप दर्ज लगाया है।