आश्चर्य की बात यह है कि कई ऐसे लोगों की हाजिरी भरी गई है, जो कभी उक्त कार्य में गया भी नहीं है। कई ऐसे लोग हैं, जो गांव में रहते ही नहीं है। सूत्रों के अनुसार पंचायत प्रतिनिधि, मेट, पंच, रोजगार सचिव एव कोटवार जैसे लोगों के परिवार व रिश्तेदारों की फर्जी हाजरी व कुछ लोगों के घर के पारिवारिक एक से अधिक सदस्य जो कभी काम मे गए ही नहीं है व कुछ तो बुजुर्ग भी हैं। ऐसे लोगों की भी फर्जी हाजिरी मस्टररोल में दर्ज है।
फर्जी हाजिरी भरकर लाखों का फर्जीवाड़ा उक्त पूरे मामले में प्रथम दृष्टया तो मस्टर रोल में रोजगार सचिव व मेटो द्वारा अपने चहेतो परिवार के व अन्य करीबी लोगों की फर्जी हाजिरी भरकर लाखों रुपए का घोटाला और फर्जीवाड़ा किए हंै। वहीं दूसरी ओर जो मजदूर वास्तव में मनरेगा के तहत मजदूरी किए हैं, उनकी हाजरी भी काटी गई है और सैकड़ों फर्जी लोगों की हाजरी का पूरा भुगतान किया गया है। इस पूरे कार्य में रोजगार सहायक और मेटो द्वारा व्यापक स्तर पर मनमानी व लापरवाही बरतते हुए शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है।
मजदूरों में पनप रहा आक्रोश दूसरी तरफ इन फर्जी मजदूरों की हाजरी के के चलते वास्तविक मजदूरों की मजदूरी भी काट ली गई और उन्हें और अन्य दिनों के कार्य से वंचित भी होना पड़ा। शासन के लाखों रुपए का गबन व फर्जीवाड़ा किया गया है जिससे कि ग्रामीणों व खासकर वास्तविक मजदूरों के मन मे काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीण प्रभारी मंत्री एव मुख्यमंत्री से सीधे मिलकर उक्त पूरे मामले की शिकायत करने की तैयारी में है।
उचित कार्रवाई की जाएगी जनपद पंचायत राजनांदगांव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोपाल सिंह कंवर ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है। मामला गंभीर है। पहले मैं पूरे मामले की जांच करवा लेता हूं। इसके बाद आगे जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई होगी।