व्यापारियों ने कहा कि जब कंटेनमेंट जोन के दायरे में शराब दुकान नहीं थी तो बंद क्यों किया गया। अब उसी दायरे का हवाला देकर पांच दिन बाद शराब दुकानों को फिर से चालू करा दिया। ऐसे में पूरे मार्केट को भी चालू किया जाए। क्योंकि कंटेनमेंट के नियमों का पालन तो शहर में नहीं हो रहा है। आवश्यक वस्तुओं के नाम पर मार्केट में भीड़ तो उमड़ ही रही है। ऐसे में अन्य दुकानों को भी फिर से चालू करने के आदेश दिए जाए। जिला प्रशासन के आदेश में ही कई तरह के विरोधाभास है। पहले कंटेनमेंट जोन बताकर शराब दुकानों को बंद कराया और अब एक किलोमीटर के दायरे से दूर का हवाला देते हुए फिर से चालू करा दिया गया।
बुधवार को कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद से प्रशासनिक अमला क्वारेंटाइन में है। तहसील कार्यालय के 81 कर्मचारियों व अन्य विभागों के अफसरों का टेस्ट कराया गया। इनमें से अधिकतर का रिपोर्ट आना बाकी है। एम्स से रिपोर्ट आने में देरी होने की वजह से अब तक मार्केट खोले जाने को लेकर जिला प्रशासन निर्णय नहीं ले सका है। कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद 14 दिनों तक वैसे भी मार्केट नहीं खुल सकता। परंतु यदि सभी रिपोर्ट निगेटिव आते है तो एक सप्ताह के बाद मार्केट खोलने के आदेश हो सकते है।
शहर में पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया। इस आदेश के बाद शहर में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहनी चाहिए। किंतु शहर तो मरीज के घर के आस-पास भी नियम को लेकर पालन नहीं हो रहा है। खैरागढ़ मेन रोड में से लेकर बाहर से भी वाहनों की आवाजाही चल ही रही है। जबकि कंटेनमेंट जोन में मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। एसडीएम अविनाश भोई ने बताया कि कंटेनमेंट जोन का दायरा एक किलोमीटर का रहता है। जिला प्रशासन ने परिस्थितियों को देखकर निर्णय लिया था।