कोरोना संक्रमण (Coronavirus in chhattisgarh) के बीच शराब की बिक्री को लेकर राज्य सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है और शराब की होम डिलिवरी को लेकर सरकार को घेर रही है। ऐसे समय में आबकारी अमला और शराब दुकानों में शराब बेचने और डिलिवरी करने वाली कंपनी की करतूत से राजनांदगांव में बवाल मच गया है। लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने शराब की होम डिलिवरी की इजाजत दी है लेकिन इसकी आड़ में आबकारी विभाग के अमले ने शहर के बीचोबीच अंबेडकर चौक में दुकान सजा ली और आनलाइन आर्डर करने वालों को वहीं बुलाकर शराब बांटने लगे।
मामले की शिकायत होने के बाद जिला आबकारी अधिकारी नवीन प्रताप सिंह तोमर ने इसे गलत करार देते हुए प्लेसमेंट कंपनी के चार कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार की और भी किरकिरी हो रही है। आनलाइन डिलिवरी के आर्डर के बाद ग्राहकों को शराब दुकान तक बुलाने की शिकायतों के बाद यहां आबकारी विभाग ने हद ही कर दी। रविवार टोटल लाकडाउन के दौरान शहर के बीचोबीच दुकान ही सजा ली और आनलाइन आर्डर करने वालों को बुलाकर सप्लाई की।
प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है और रविवार को मेडिकल, पेट्रोल पंप जैसी अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रखने का फरमान जारी किया है लेकिन खुलेआम शराब बिकती रही। कलेक्टर राजनांदगांव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि खुलेआम चौक में शराब बेचने की शिकायत मिली है। यह पूरी तरह गलत है। आबकारी अधिकारी ने प्लेसमेंट कंपनी के कर्मचारियों पर कार्रवाई की जानकारी दी है। उन्हें कहा गया है कि विभाग के जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई की जाए।
शहर के जिस चौक में आबकारी विभाग ने खुलेआम दुकान सजाकर रखी थी उस चौक में दिनभर पुलिस का पहरा रहता है। पुलिस विभाग ने इस चौक पर सीसीटीवी से निगरानी रखी है लेकिन चौक-चौराहों में लॉकडाउन का उल्लंघन कर सामान बेचने वाले गरीब दुकानदारों पर धौंस जमाने वाली पुलिस शराब बिकने के दौरान मौन रही।