यहां चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया अगले सप्ताह मंगलवार 19 मार्च से शुरू हो जाएगी। चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होते ही 19 मार्च से नामांकन पत्र मिलने लगेंगे और इसी दिन से इसे जमा भी किया जा सकता है। नामांकन शुरू होने में अब सात दिन से भी कम वक्त बचा है, ऐसे में टिकट को लेकर भी राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। राजनीतिक हलको में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में कई नाम चर्चाओं में तैर रहे हैं।
कांग्रेस में ये प्रमुख दावेदार
किसी समय राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन बीते दो चुनाव से यहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। इस बार राज्य मेंं कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में कांग्रेस अपने पुराने गढ़ को हासिल करने पुरजोर कोशिश करेगी।
कांग्रेस से यहां कई दावेदारों के नाम की चर्चा है, इनमें मुख्य रूप से पूर्व विधायक भोलाराम साहू, शहीद उदय मुदलियार के पुत्र जितेन्द्र मुदलियार, पूर्व विधायक योगीराज सिंह, गुलाब वर्मा और महेश चंद्रवंशी के नाम हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भोलाराम की टिकट पार्टी ने काट दी थी जबकि जितेन्द्र मुदलियार की दावेदारी को दरकिनार कर करूणा शुक्ला को राजनांदगांव से टिकट दिया गया था।
इस संसदीय क्षेत्र में कवर्धा जिले की दो विधानसभा सीटें आती हैं। यहां से यदि नाम लेने की बात हुई तो योगीराज या फिर महेश चंद्रवंशी के नाम आ सकते हैं। फिलहाल स्थिति देखकर ऐसा लग रहा है कि राजनांदगांव की टिकट दुर्ग में उम्मीदवार के आधार पर तय होगा।
भाजपा में ये चेहरे
राजनांदगांव संसदीय सीट पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है और अभिषेक सिंह यहां से सांसद हंै। वे यहां इस बार स्वाभाविक रूप से पहले दावेदार हैं। बीते पांच साल क्षेत्र में उनकी सक्रियता भी रही है लेकिन यदि पार्टी यहां कोई बदलाव करती है तो उनके स्थान पर उनके पिता यहां से पूर्व में सांसद रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को चुनाव लड़ा सकती है।
इन दोनों के अलावा यहां से एक और नाम चर्चा में है। यह नाम मधुसूदन यादव का है। राजनांदगांव के महापौर मधुसूदन यादव यहां से सांसद रह चुके हैं, और पिछली बार उनकी टिकट काटकर अभिषेक सिंह को टिकट दी गई थी।