बीते दौर में कवर्धा से विधायक रहे डॉ. रमन सिंह ने वर्ष 1999 में राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उस वक्त भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा के सामने करीब छह महीने पहले कवर्धा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने वाले डॉ. रमन को टिकट दी थी। तब 1999 में ऐसा लग रहा था कि भाजपा ने कांग्रेस को वॉकओवर दे दिया है लेकिन डॉ. रमन सिंह ने चुनाव में जीत दर्ज की थी और फिर उन्हें इसका इनाम मिला और वे इस संसदीय क्षेत्र से केन्द्र में मंत्री बनने वाले पहले सांसद बने।
इस चुनाव के बाद यहां भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है। 2004 में भाजपा के प्रदीप गांधी, 2009 में भाजपा के मधुसूदन यादव और 2014 में भाजपा के अभिषेक सिंह यहां से जीते हैं। संसद में सवाल पूछने के बदले रूपए लेने के मामले में फंसने के बाद बर्खास्त हुए सांसद प्रदीप गांधी के दौर में 2007 में हुए उपुचनाव में कांगे्रस के देवव्रत सिंह ने यहां से चुनाव जीता था।
साल 2018 के अंत में हुए राज्य विधानसभा के चुनाव में राजनांदगांव संसदीय सीट में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। आठ में से सिर्फ एक विधानसभा सीट पर भाजपा जीती है। पांच में कांग्रेस और एक में जोगी कांग्रेस को जीत मिली है। अकेले जीतने वाले डॉ. रमन सिंह हैं। बीते तीन चार चुनाव में भाजपा की ऐसी स्थिति कभी नहीं रही। इस वजह से इस बार फिर से डॉ. सिंह को यहां भाजपा के लिए बेहतर उम्मीदवार माना जा रहा है।