scriptऐसा ही रहा तो भाजपा के लिए होगी बड़ी मुश्किल, मूणत को लेकर बवाल | loksabha election in rajnandgaon | Patrika News

ऐसा ही रहा तो भाजपा के लिए होगी बड़ी मुश्किल, मूणत को लेकर बवाल

locationराजनंदगांवPublished: Jan 22, 2019 11:48:25 am

Submitted by:

Atul Shrivastava

विधानसभा चुनाव में दो लाख का हो गया है गड्ढा, लोकसभा से पहले विरोध के स्वर

bjp

ऐसा ही रहा तो भाजपा के लिए होगी बड़ी मुश्किल, मूणत को लेकर बवाल

राजनांदगांव। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए भी भाजपा में सब कुछ सही नहीं लग रहा है। पूर्व में की गई समीक्षा बैठक में खुलकर प्रभारी मंत्री रहे राजेश मूणत के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने खूब बात की थी। अब मूणत को ही लोकसभा चुनाव के लिए प्रभारी बना देने के बाद फिर से यहां बवाल मचा हुआ है। सोमवार को हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मूणत के नाम का खुलकर विरोध किया गया और प्रभारी बदले जाने तक की बात हुई है। बीते विधानसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र की आठ में से सात में भाजपा की हार हुई है और करीब दो लाख वोटों का गड्ढा तैयार हो गया है, ऐसे में यह स्थिति भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

राजनांदगांव में भाजपा कार्यालय में सोमवार को संगठन प्रभारी छगन मूंदड़ा और सांसद अभिषेक सिंह की मौजूदगी में जिला भाजपा कार्यसमिति का आयोजन किया गया। इस कार्यसमिति में ताजा राजनीतिक हालात और लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा को फिर से तैयार करने पर चर्चा हुई। इससे पहले आमतौर पर चुप रहने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं और संगठन से जुड़े लोग अब खुलकर बोलने लगे हंै और इस बैठक में भी जमकर भड़ास निकाले जाने की खबर है।

ऐसे में समीक्षा का क्या औचित्य
जानकारी के अनुसार मंडलों के पदाधिकारियों ने कहा कि इससे पहले हार की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री रहे राजेश मूणत की कार्यप्रणाली का विरोध किया गया था। मूणत को लेकर इतने विरोध के बाद भी संगठन ने उनको राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में चुनाव का प्रभारी बना दिया है। ऐसे में समीक्षा का औचित्य समझ से परे है। कार्यकर्ताओं ने यहां तक कहा कि मूणत के प्रभारी रहने पर भाजपा को नुकसान ही होगा।

सात सीटों में हुई हार
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजनांदगांव जिले की छह और कवर्धा जिले की दो विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें अकेले राजनांदगांव में भाजपा ने जीत दर्ज की है। बाकी सात में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बमुश्किल अपनी सीट बचा पाए। उनके निर्वाचन जिले में भाजपा पांच सीटें हार गईं। गृह जिले में तो सूपड़ा साफ हुआ ही, कांग्रेस प्रत्याशी ने पूरे प्रदेश की सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया।
ये आंकड़े बढ़ाएंगे चिंता
विधानसभा चुनाव में राजनांदगांव जिले में कांग्रेस ने सबसे बड़ी जीत डोंगरगढ़ में दर्ज की। यहां से भाजपा को 35 हजार 418 वोटों का नुकसान हुआ है। दूसरी बड़ी जीत कांग्रेस को आदिवासी इलाके मोहला-मानपुर से मिली। भाजपा को यहां 29 हजार 528 वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। खुज्जी में 27 हजार 497 वोट से भाजपा हारी। खैरागढ़ में ही भाजपा काफी हद तक मुकाबले में रही और सिर्फ 870 वोट से वो हारी। अकेले राजनांदगांव सीट में जीत मिली। यहां भाजपा ने 16 हजार 933 वोट के अंतर से जीत हासिल किया। कवर्धा जिले के कवर्धा में कांग्रेस ने प्रदेश की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। उसने भाजपा के लिए 59 हजार 281 वोट का गड्ढा कर दिया है। इस जिले की पंडरिया से भाजपा को 36 हजार 487 वोटों से हार मिली। इस तरह राजनांदगांव जिले में भाजपा के लिए 1 लाख 3 हजार 916 वोट का गड्ढा हो गया है। कवर्धा जिले में 95 हजार 768 वोटों का गड्ढा हुआ है। पूरे संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यह गड्ढा 1 लाख 99 हजार 684 वोटों का है।

दो लाख से ज्यादा से जीते थे अभिषेक
करीब साढ़े 4 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने पुत्र अभिषेक सिंह को राजनीति में प्रवेश दिलाते हुए सीधे लोकसभा का चुनाव लड़ाया था। उस वक्त कांग्रेस ने कमलेश्वर वर्मा को मैदान में उतारा था। संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी खासी बढ़त लेते हुए अभिषेक सिंह ने 2 लाख 35 हजार 911 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। उस वक्त अभिषेक सिंह को 6 लाख 43 हजार 473 वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी को 4 लाख 7 हजार 562 वोट मिल पाए थे। राज्य में भाजपा की सरकार रहते और इस सरकार के मुखिया के पुत्र के सांसद रहते साढ़े 4 साल में ऐसा क्या हुआ कि इतना बड़ गड्ढा हो गया, भाजपा के लिए चिंता का सबब है।

पहली बार नजर आई तीसरी शक्ति
महज दो साल पहले बनी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में एक लाख से ज्यादा वोट हासिल कर एक विधानसभा सीट में कब्जा कर लिया है। इस चुनाव में यदि उसके गठबंधन की बात करें तो इस गठबंधन ने डेढ़ लाख से ज्यादा वोट बटोरे हैं। कवर्धा जिले में गठबंधन को 39 हजार 897 वोट मिले हैं तो राजनांदगांव जिले में उसने 1 लाख 13 हजार 391 वोट बटोरे हैं। इसमें बसपा ने 40 हजार 417 वोट लिए हैं जो जोगी कांग्रेस ने 1 लाख 12 हजार871 वोट लिए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो