लाखों रूपये हेराफेरी की जांच भी लंबित
घुमका समिति में भी लाखों रुपए की कथित अनियमितता की जांच अब तक लंबित है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य सरकारी निर्वाचन आयोग रायपुर की ओर से 5 अगस्त २०१९ को जारी सचिव सहकारिता विभाग पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर छत्तीसगढ़ के समस्त कलक्टर एवं उप पंजीयक समस्त छत्तीसगढ़ को जारी पत्र में सहकारी समितियों के परिसीमन एवं पुनर्गठन संबंधी उल्लेख के चलते इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है की वर्तमान में काबिज संचालक मंडल को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस पत्र के बाद जिलेभर की सोसायटी में उथल-पुथल मचा हुआ है और राजनांदगांव जिले की सबसे बड़ी सहकारी समिति कृषक सेवा सहकारी समिति घुमका के 42 गांव के किसानों में भी इस बात को लेकर तेजी से चर्चा चल रही है कि जल्द ही घुमका समिति का संचालक मंडल भी भंग हो सकता है।
घुमका समिति में भी लाखों रुपए की कथित अनियमितता की जांच अब तक लंबित है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य सरकारी निर्वाचन आयोग रायपुर की ओर से 5 अगस्त २०१९ को जारी सचिव सहकारिता विभाग पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर छत्तीसगढ़ के समस्त कलक्टर एवं उप पंजीयक समस्त छत्तीसगढ़ को जारी पत्र में सहकारी समितियों के परिसीमन एवं पुनर्गठन संबंधी उल्लेख के चलते इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है की वर्तमान में काबिज संचालक मंडल को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस पत्र के बाद जिलेभर की सोसायटी में उथल-पुथल मचा हुआ है और राजनांदगांव जिले की सबसे बड़ी सहकारी समिति कृषक सेवा सहकारी समिति घुमका के 42 गांव के किसानों में भी इस बात को लेकर तेजी से चर्चा चल रही है कि जल्द ही घुमका समिति का संचालक मंडल भी भंग हो सकता है।
फर्जी अभ्यर्थी, समर्थक व प्रस्तावक को खानी पड़ी जेल की हवा
जांच उपरांत उक्त फर्जी अभ्यर्थी एवं प्रस्तावक तथा समर्थक को फर्जीवाड़े के मामले में जेल की हवा खानी पड़ी। तब से लेकर संचालक मंडल काफी विवादों में बताया जाता है। इसके बाद लगातार सिलक गबन 25 लाख रुपए की गड़बड़ी किसानों के नाम पर फर्जी ऋण की आड़ में ऋण माफी का लाभ एवं खाद बीज के स्टॉक में हेराफेरी कर कथित तौर पर फर्जी ढंग से ऋण माफी का लाभ लिया और सोसायटी और शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने के मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने को लेकर तथा इन सभी मामलों में संचालक मंडल की भूमिका पर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। समझा जा रहा है कि इस तरह के आरोपों के चलते ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संचालक मंडल पर भी निलंबन जैसी कार्रवाई की गई है। कारण कि घुमका सोसाइटी की तरह जिले भर की कई समितियों में लाखों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया था जिस पर वित्त पोषक केंद्रीय सहकारी बैंक की ओर से नाम मात्र भी नियंत्रण नहीं होना बताया जा रहा है।
जांच उपरांत उक्त फर्जी अभ्यर्थी एवं प्रस्तावक तथा समर्थक को फर्जीवाड़े के मामले में जेल की हवा खानी पड़ी। तब से लेकर संचालक मंडल काफी विवादों में बताया जाता है। इसके बाद लगातार सिलक गबन 25 लाख रुपए की गड़बड़ी किसानों के नाम पर फर्जी ऋण की आड़ में ऋण माफी का लाभ एवं खाद बीज के स्टॉक में हेराफेरी कर कथित तौर पर फर्जी ढंग से ऋण माफी का लाभ लिया और सोसायटी और शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने के मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने को लेकर तथा इन सभी मामलों में संचालक मंडल की भूमिका पर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। समझा जा रहा है कि इस तरह के आरोपों के चलते ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संचालक मंडल पर भी निलंबन जैसी कार्रवाई की गई है। कारण कि घुमका सोसाइटी की तरह जिले भर की कई समितियों में लाखों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया था जिस पर वित्त पोषक केंद्रीय सहकारी बैंक की ओर से नाम मात्र भी नियंत्रण नहीं होना बताया जा रहा है।