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लंबे समय से विवादों से घिरी घुमका सोसायटी, संचालक मंडल होगा भंग

locationराजनंदगांवPublished: Aug 21, 2019 10:46:23 pm

Submitted by:

Nakul Sinha

वर्तमान में भाजपा समर्थित पदाधिकारी काबिज, परिसीमन के आधार पर कार्यवाही का अंदेशा

Long-standing disputes surrounded the roaming society, the board of directors will be dissolved

लंबे समय से विवादों से घिरी घुमका सोसायटी, संचालक मंडल होगा भंग

राजनांदगांव / घुमका. वर्ष 2017 जून माह में गठित कृषक सेवा सहकारी समिति घुमका के संचालक मंडल पर भी भंग होने का खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग के एक पत्र जारी होने के बाद तमाम सोसायटी के संचालक मंडल में काफी खलबली मची है। गौरतलब है कि विगत 15 वर्षों के भाजपा शासन में अधिकांश सरकारी समितियों एवं सहकारी बैंकों में भाजपा समर्थित पदाधिकारियों का कब्जा है। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार की इन समितियों व संचालक हो पर टेढ़ी नजर बताई जाती है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 के सहकारिता चुनाव में घुमका समिति के संचालक मंडल चुनाव में काफी विवाद की स्थिति बनी थी। तत्कालीन कांग्रेसी विपक्षियों ने उक्त चुनाव को निरस्त कर चुनाव अधिकारी व सोसायटी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग तक की थी क्योंकि उक्त चुनाव में मृत व्यक्ति के नाम पर चुनाव लड़कर एक अभ्यर्थी संचालक मंडल का सदस्य बन चुका था जिस पर हो हल्ला मचने के बाद अंतत: जांच कराया गया।
लाखों रूपये हेराफेरी की जांच भी लंबित
घुमका समिति में भी लाखों रुपए की कथित अनियमितता की जांच अब तक लंबित है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य सरकारी निर्वाचन आयोग रायपुर की ओर से 5 अगस्त २०१९ को जारी सचिव सहकारिता विभाग पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर छत्तीसगढ़ के समस्त कलक्टर एवं उप पंजीयक समस्त छत्तीसगढ़ को जारी पत्र में सहकारी समितियों के परिसीमन एवं पुनर्गठन संबंधी उल्लेख के चलते इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है की वर्तमान में काबिज संचालक मंडल को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस पत्र के बाद जिलेभर की सोसायटी में उथल-पुथल मचा हुआ है और राजनांदगांव जिले की सबसे बड़ी सहकारी समिति कृषक सेवा सहकारी समिति घुमका के 42 गांव के किसानों में भी इस बात को लेकर तेजी से चर्चा चल रही है कि जल्द ही घुमका समिति का संचालक मंडल भी भंग हो सकता है।
फर्जी अभ्यर्थी, समर्थक व प्रस्तावक को खानी पड़ी जेल की हवा
जांच उपरांत उक्त फर्जी अभ्यर्थी एवं प्रस्तावक तथा समर्थक को फर्जीवाड़े के मामले में जेल की हवा खानी पड़ी। तब से लेकर संचालक मंडल काफी विवादों में बताया जाता है। इसके बाद लगातार सिलक गबन 25 लाख रुपए की गड़बड़ी किसानों के नाम पर फर्जी ऋण की आड़ में ऋण माफी का लाभ एवं खाद बीज के स्टॉक में हेराफेरी कर कथित तौर पर फर्जी ढंग से ऋण माफी का लाभ लिया और सोसायटी और शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने के मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने को लेकर तथा इन सभी मामलों में संचालक मंडल की भूमिका पर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। समझा जा रहा है कि इस तरह के आरोपों के चलते ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संचालक मंडल पर भी निलंबन जैसी कार्रवाई की गई है। कारण कि घुमका सोसाइटी की तरह जिले भर की कई समितियों में लाखों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया था जिस पर वित्त पोषक केंद्रीय सहकारी बैंक की ओर से नाम मात्र भी नियंत्रण नहीं होना बताया जा रहा है।
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