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राष्ट्र व समाज के विकास में मिनीमाता का योगदान अतुलनीय

locationराजनंदगांवPublished: Aug 12, 2018 04:28:29 pm

Submitted by:

Nitin Dongre

निर्वाण दिवस समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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राष्ट्र व समाज के विकास में मिनीमाता का योगदान अतुलनीय

राजनांदगांव. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राष्ट्र व समाज के विकास में स्वर्गीय मिनी माता योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मिनीमाता ने एक जागरूक सांसद के रूप में दलितों के अधिकारों के अलावा छत्तीसगढ़ की आवाज को लगातार संसद में उठाती रही। डॉ. सिंह ने स्वर्गीय मिनीमाता को छत्तीसगढ़ की अस्मिता के प्रतिक, जागरूक एवं विदूषी महिला बताया।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह आज 11 अगस्त को स्टेट हाई स्कूल मैदान में जिला सतनामी सेवा समिति द्वारा आयोजित स्वर्गीय मिनीमाता एवं पूर्व सांसद स्वर्गीय रेशम लाल जांगड़े के निर्वाण दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जीई रोड राजनांदगांव स्थित सतनामी धर्मशाला के अपूर्ण निर्माण कार्यों को पूरा कराने के लिए 10 लाख रूपए की राशि स्वीकृत करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने जीई रोड स्थित सतनामी धर्मशाला पहुंचकर स्वर्गीय मिनीमाता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूर्ननिर्मित सतनामी धर्मशाला लोकार्पण भी किया।
शिक्षित समाज ही देश का नेतृत्व करता है

उन्होंने कहा कि शिक्षित समाज ही देश का नेतृत्व करता है। डॉ. सिंह ने समाज में व्याप्त कुरितियों एवं भेदभाव तथा ऊंच-नीच जैसी बुराईयों को मिटाने में बाबा गुरूघासीदास के अवदानों का भी उल्लेख किया। उन्होंंने कहा कि बाबा का संदेश आज भी प्रासंगिक है। हमारे पंथी नृत्य दल के कलाकार आज भी गांव-गांव जाकर बाबा के संदेशों को आगे बढ़ा रहे है। उन्होंने इस अवसर पर बाबा गुरूघासीदास एवं स्वर्गीय मिनीमाता के संदेशों को आत्मसात कर राष्ट्र व समाज के विकास में भागीदारी निभाने की बात भी कही।
संपूर्ण समाज के लिए नारी अस्मिता का प्रतीक

इस अवसर पर सांसद अभिषेक सिंह ने स्वर्गीय मिनीमाता एवं स्वर्गीय रेशमलाल जांगड़े के योगदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे इन्हीं विभूतियों से प्रेरणा लेकर केन्द्र व राज्य सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचिज जनजाति समाज के अलावा अन्य पिछड़े दबकों के विकास के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने स्वर्गीय मिनीमाता को सतनामी समाज के अलावा संपूर्ण छत्तीसगढ़ एवं नारी अस्मिता का प्रतीक बताया।
प्रकाश डाला

मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने इस अवसर पर स्वर्गीय मिनीमाता एवं उनके पति स्वर्गीय अगमदास तथा पूर्व सांसद स्वर्गीय रेशम लाल जांगड़े के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मिनीमाता असम की धरती में पैदा होकर एवं गुरू अगमदास की धर्मपत्नी बनकर छत्तीसगढ़ की बहु बनी थी। उन्होंने सांसद निर्वाचित होकर संसद में दलितों एवं वंचित तबकों के अधिकारों की बात के अलावा छत्तीसगढ़ के आवाज को सदैव उठाती रही। स्वर्गीय मिनीमाता ने अश्पृश्यता निवारण के बिल को संसद में पास कराया था।
बदलाव आया

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार के विशेष प्रयासों से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को और अधिक सशक्त बनाया गया है। डॉ. सिंह ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग एवं समाज के अन्य दबे-कुचले लोगों के अधिकारों एवं विकास के कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय मिनीमाता के संघर्षों के बदौलत आज अनुसूचित जाति समाज में बहुत बदलाव आया है। आज सतनामी समाज की पहचान एक शिक्षित, जागरूक एवं संगठित समाज के रूप मेें है।
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