जानकारी के अनुसार शराब दुकान के पैसे को रोटेशन में बैंक में जमा किया जाता था। रोज का कलेक्शन लाखों में रहता था। रोटेशन में पैसा जमा होने के कारण यह पता नहीं चल पा रहा था कि बीच में की गई गड़बड़ी के पैसे कहा है। लगभग डेढ़ माह के लॉकडाऊन के दौरान बैंक में पैसा जमा नहीं हुआ। कम्पनी के कर्मचारी द्वारा लगभग 32 लाख रूपए के हिसाब नहीं मिलने पर कर्मचारियों द्वारा इसकी जांच शुरू की गई तो बता चला कि कम्पनी के कर्मचारी द्वारा लगभग 32 लाख रूपए की हेराफेरी की गई है। शिकायत करने पर पता चला कि कर्मचारी अखिलेश सोनी द्वारा उक्त 32 लाख रूपए अपने पहचान वालों को ब्याज में दिया है।
शराब दुकान की रकम बैंक में जमा करने का काम करने वाले कर्मचारी का नाम अखिलेश सोनी बताया जा रहा है। कंपनी की ओर से उसके खिलाफ थाना में शिकायत की गई है शिकायत के आधार पर जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। मो.नासिर बाठी, टीआई खैरागढ़ थाना ने बताया कि शराब दुकान की रकम बैंक में नहीं जमा होने की शिकायत सीएमएस कंपनी ने अपने कर्मचारी के खिलाफ की है। शिकायत पर एफआईआर कर जांच की जा रही है।
खैरागढ़ थाना से मिली जानकारी के अनुसार शराब दुकान के पैसा का कलेक्शन कर बैंक में जमा नहीं होने की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 407, 408, 409 आईपीसी के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी अखिलेश सोनी द्वारा लगभग 32 लाख रूपए की हेराफेरी करते हुए अमानत में खयानत का काम किया है। लगभग 32 लाख रूपए को अपने पहचान वालों को ब्याज में दिया गया है जिसकी जांच की जा रही है।
सहायक आबकारी आयुक्त राजनांदगांव नवीन प्रताप तोमर ने इस मामले में कहा कि यह सीएमएस एजेंसी का मामला है और आबकारी विभाग का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी को यह काम दिया गया है, उसकी जवाबदेही होती है कि वह पैसे को बैंक में जमा कराए। तय समय में रकम जमा नहीं हुई तो कंपनी ब्याज के साथ रकम देगी।