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संतान की दीर्घायु व उन्नति के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी व्रत

locationराजनंदगांवPublished: Sep 02, 2018 12:16:56 pm

Submitted by:

Nakul Sinha

विधिविधान से हुई पूजा-अर्चना

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अंचल के विभिन्न ग्रामों में हलषष्ठी पर्व महिलाओं ने सामूहिक पूजा-अर्चना की।

राजनांदगांव / डोंगरगांव. अपनी संतान के दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए अंचल की माताओं ने शनिवार को हलषष्ठी का व्रत रखा। इस दौरान मुहल्लों व देवालयों में सगरी बनाकर माताओं ने पूरे विधि विधानपूर्वक शिव पंचायत की पूजा अर्चना की। बाद में पसहर चांवल से बनी खिचड़ी प्रसाद खाकर अपना उपवास तोड़ा। गोकुल धाम कृष्ण मंदिर बोधीटोला, गायत्री मंदिर, आईएचएसडी कालोनी, मटिया, करियाटोला सहित नगर व पूरे क्षेत्र में प्रतिवर्ष की भांति सगरी बनाकर माताओं ने पूजन अर्चन किया।
सगरी बनाकर की पूजा-अर्चना
इस दौरान व्रतधारी माताओं ने शिव, पार्वती, गौरी, गणेश, कलश आदि का पूजन किया. मंदिर परिसर में बनाये गये बनावटी तालाब सगरी को जल से भरकर चारों ओर काशी के फू ल व कुछ पौधे लगाया गया था. पूजा के दौरान माताओं ने मंदिर परिसर में स्थित शिव पंचायत के प्रतिमाओं के साथ हलषष्ठी महारानी के अलावा सकल देवताओं की पूरे मनोयोग, भक्तिभाव के साथ पूजन अर्चन किया. आराधना महिला मानस मंडली व्दारा गोकुलधाम कृष्ण मंदिर में आयोजित इस पूजन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। जानकारी के अनुसार नगर के विभिन्न मुहल्लों व गलियों में भी सगरी बनाकर पूजन विधि संपन्न कराया गया।
डोंगरगढ़ के विभिन्न ग्रामों में मना हलषष्ठी पर्व
डोंगरगढ़. नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में हलषष्ठी का पर्व पारंपरिक ढंग से पुजा अर्चना कर मनाया गया। प्रात: महिलाओं ने शीतला मंदिर सहित अन्य मंदिरों के आंगन में सगरी बनाई जिसमें दो गड्ढे कर लाई, पुश, महुआ, मठाई पत्ते के दोने तथा चना सहित अन्य पुजन सामग्री लेकर पूजा अंर्चना की। महिलाओं ने सात बार कथा का श्रवण किया। ग्राम बछेराभाठा, लेडिजोब, भंडारपुर, भोथली, कल्याणपुर, मक्काटोला, रामाटोला सहित अन्य ग्रामों में भी पूजा अर्चना कर कमरछठ का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने दिन भर निर्जला व्रत रखकर अपनी बच्चों की लंबी उम्र व उज्जवल भविष्य की कामना भगवान शंकर पार्वती से की। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दौरान खेल कुद के आयोजन भी किये गये। कहानियां के माध्यम से दिन भर पूजा अर्चना चलती रही। पसहर चावल का प्रसाद खाकर व्रत खोला।
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