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नगर पालिका उपाध्यक्ष रजक को मिला था उमा भारती का साथ, अश्रुगैस और गोलीकांड को देखा था अपनी आंखों से …

locationराजनंदगांवPublished: Aug 10, 2020 08:09:05 am

Submitted by:

Nitin Dongre

31 वर्ष पूर्व अयोध्या कार सेवा में शामिल हुए नपा उपाध्यक्ष रजक का वीर हनुमान सेवा समिति ने किया सम्मान

Municipality vice president Rajak got Uma Bharti with him, saw teargas and shootings with his eyes ...

नगर पालिका उपाध्यक्ष रजक को मिला था उमा भारती का साथ, अश्रुगैस और गोलीकांड को देखा था अपनी आंखों से …

खैरागढ़. 31 साल पहले अयोध्या कार सेवा में खैरागढ़ के 13 लोगों ने भी अपने आंखों के सामने गोलीकांड देखा था। उस समय के भाजपा के दिज्गज नेता रहे स्व. कोमल कोठारी की अगुवाई में शहर सहित ग्रामीण इलाकों से दर्जनभर से अधिक कार्यकर्ता कारसेवा के लिए अयोध्या पहुंचे थे। स्व कोठारी के साथ नगरपालिका के वर्तमान अध्यक्ष रामाधार रजक, पूर्व मंडलध्यक्ष अनिल अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल सहित ग्रामीण इलाकों से कुछ युवक कारसेवा के लिए निकले थे। कारसेवा में शामिल होने वाले रामाधार रजक का शहर की वीर हनुमान सेवा समिति ने शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया।
नपाउपाध्यक्ष रामाधार रजक ने कारसेवा के दौरान उप्र सरकार द्वारा बरती गई बर्बरता को याद करते बताया कि अक्टूबर 89 में स्व कोठारी के नेतृत्व में विश्व हिंदु परिषद के प्रमुख अशोक सिंघल के निर्देश पर दुर्ग से सारनाथ ट्रेन से रवानगी हुई थी। इलाहाबाद पहुंच वहां संघ कार्यालय में रूकने की व्यवस्था थी, लेकिन दूसरे दिन ही तत्कालीन उप्र सरकार की पुलिस ने भवन को घेर लिया था। सुबह भवन से पीछे दरवाजे से निकल कर कार्यकर्ता प्रतापगढ़ के लिए रवाना हो गए। रास्ते में वाहनों के साथ साधन मिलने के साथ पैदल यात्रा करते प्रतापगढ़ के एक मंदिर में रात्रि विश्राम कर सुबह फिर से पगडंडियों के सहारे निकले थे। रात में दो बजे गोमती नदी नांव से पार कर दर्शननगर होते अयोध्या पहुंचे थे। जहां राघवजी मंदिर में डेरा जमाया था। मणिराम छावनी में ही संत्संग ओर परिचर्चा के साथ कारसेवा कार्यों का संचालन हो रहा था।
उमा भारती के साथ सत्याग्रह में हुए शामिल

रजक ने बताया कि सत्याग्रह शुरू हुआ तो उमा भारती के साथ आगे बढ़े हनुमानगढ़ी पार करने पर वहां पुलिस अश्रुगैस के गोले छोड़ रही थी। आंखों को बचाने चूना लगाकर आगे बढऩे लगे तो गोली चलनी शुरू हो गई। कोठारी बंधु गुंबद तक पहुंचने के बाद शहीद हो गए। भीड़ तितर बितर होने के बाद जानकी मंदिर में छुपना पड़ा। शाम को माहौल शांत हुआ, तो रास्ता पूछते निकलकर मणिराम छावनी पहुंच गए। खैरागढ़ से गए लोग इस दौरान बिछड़ गए थे। मणिराम छावनी पहुंचने पर वहां पहले से मौजूद स्व कोठारी अनिल अग्रवाल, आदि इंतजार करते खड़े थे, उन्हें गोलीकांड में अनहोनी की आशंका सता रही थी, लेकिन देखते ही गदगद होकर गले लगा लिया। दूसरे दिन सरयूनदी में स्नान के दौरान पानी में उतरते ही पानी के अंदर रेत की बोरी से बंधी लाशें लगातार टकरा रही थी।
उप्र सरकार लाशों को रेत के बोरी बांधकर नदी में छोड़ रही थी

गोलीकांड में मौत का आंकड़ा छुपाने उप्र सरकार लाशों को रेत के बोरी बांधकर नदी में छोड़ रही थी। कारसेवा की घटना को याद ताजा करते रजक ने बताया कि फैजाबाद वाराणसी होकर वापसी हुई, तो वाराणसी में पुलिस रेल्वे स्टेशन में किसी को ट्रेन से नीचे नहीं उतरने दे रही थी। यात्रा में राजनांदगांव के देवकुमार निर्वाणी, गातापार नाका के घनश्याम वर्मा, टोलागांव के बालकदास साहू भी शामिल थे। मंदिर निर्माण प्रक्रिया के शुरू होने पर ख्ुाशी जताते रजक ने कहा कि कार सेवक के रूप में शामिल हुए सभी लोगों की मेहनत सफल हो गई है, जिन्होंने जान गंवाई लाठी खाई, वे भी जख्म को भूल जाएंगे।
समिति ने किया सम्मान

कारसेवा में शामिल होने अक्टूबर 89 में स्व अशोक सिंघल के आग्रह पर स्व कोमल कोठारी के नेतृत्व में खैरागढ़ से अयोध्या गए रामाधार रजक का वीर हनुमान सेवा समिति ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण प्रक्रिया शुरू होने पर तिलक लगाकर श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। इस दौरान समिति के श्रीराम यादव, सुबोध पांडे, निक्कू श्रीवास, भूपेंद्र गंगबोईर, नरेश चोपड़ा, दिनेश गुप्ता सहित सदस्य मौजूद थे।
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