मौर्य ने कहा कि कुपोषण का सबसे बड़ा कारण समुदाय की सोच और उनकी अंधविश्वासी और रूढि़वादी मानसिकता है। इसको बदल कर ही कुपोषण को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों के मानसिक बदलाव के लिए परिवार सम्मेलन, पालक बैठक तथा गांवों में सरपंच-सचिव के साथ चौपाल लगाया जाए। इस चौपाल में कुपोषण से संबंधित वीडियो, सफलता की कहानी और ऐसे ही दृश्य दिखाया जाए जिससे गांव के लोग जागरूक हो सकें। मौर्य ने कहा कि 0 से 3 वर्ष और आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों में कुपोषण तथा गर्भवती माताओंं में एनीमिया प्रमुख समस्या है।
हर कार्यकर्ता एक लीडर होता है मौर्य ने कहा कि हर कार्यकर्ता एक लीडर है और बदलाव हमेशा लीडर द्वारा ही लाया जा सकता है, तभी समाज में रूढि़वाद दूर होगा। बैठक में सभी विकासखंडों के सुपरवाईजरों ने कार्य के दौरान होने वाली कठिनाईयों को बताया और पिछले 5-6 महीने में किए गए कार्यों की जानकारी भी दी। इस संबंध में मौर्य ने कार्य के दौरान होने वाली समस्या को दूर करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए।