scriptअब चेपटाखोल एनीकट से 5 सौ एकड़ में हो रही सिंचाई | Now irrigation in the 5 hundred acres of Cheptakhol Anicut | Patrika News

अब चेपटाखोल एनीकट से 5 सौ एकड़ में हो रही सिंचाई

locationराजनंदगांवPublished: May 18, 2018 03:58:44 pm

Submitted by:

Nitin Dongre

डोकराभाठा को बारिश में कटने से बचाया

system

अब चेपटाखोल एनीकट से 5 सौ एकड़ में हो रही सिंचाई

राजनांदगांव. पिछले कई सालों से डोकराभाठा-खैरागढ़ सड़क भारी बारिश में डूब जाती थी और हजारों लोगों का संपर्क आपस में कट जाता था। इस समस्या के हल के लिए और किसानों को पानी उपलब्ध कराने 1988 में चेपटाखोल डायवर्सन तैयार कराया गया था लेकिन स्ट्रक्चर में तकनीकी समस्या होने की वजह से अगले साल ही बेकार हो गया। 2008 में इसके जीर्णोद्धार की कोशिश की लेकिन यह भी सफल नहीं रही। वर्ष 2016 -17 में एक बार पुन: चेपटाखोल डायवर्सन के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया। इस बार विंग वॉल की ऊंचाई दूसरी ओर से बढ़ाई गई। पिछले साल 45 दिनों में यह कार्य पूरा किया गया। अब इसका लाभ मिलने लगा है।
चेपटाखोल डायवर्सन के कार्य की लागत 49 लाख रुपए रही। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार भी प्राप्त हुआ। डायवर्सन में पानी आ जाने से बाढ़ के पानी को संग्रहित किया जा सका, इससे डोकराभाठा-खैरागढ़ की ओर जाने वाला पानी का बड़ा फ्लो रोका जा सका। इसके साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से समन्वय भी किया। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सड़क की ऊंचाई एक किमी बढ़ा दी।
500 एकड़ भूमि सिंचित हुई

इसका अच्छा नतीजा हुआ और खैरागढ़-डोकराभाठा सड़क में बरसात के दिनों में आने वाली दिक्कत दूर हो गई। डायवर्सन बनने के पहले वर्ष सुखद नतीजे रहे। किसानों की 500 एकड़ भूमि सिंचित हुई। इससे लगभग 300 किसान परिवार लाभान्वित हुए। इन परिवारों की उपज पिछले साल की तुलना में 4000 क्विंटल बढ़ गई। सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता ग्राहम ने बताया कि इस बार डायवर्सन बनाने के लिए विंग वॉल के बैरियर को 22 मीटर रखा गया और ऊंचाई पांच मीटर रखी गई, यह सफल हुआ और अब बेहतर तरीके से सिंचाई हो रही है।
4 से 5 गांव शामिल है

मनरेगा एपीओ प्रथम अग्रवाल ने बताया कि चेपटाखोल डायवर्सन चार गांवों के लिए संजीवनी की तरह साबित हुआ है। इनमें खजरी, ढोलियाकन्हार, केराबोरी और पेंड्री भी शामिल हैं। इन गांवों के लोग बेहद खुश हैं। पहले तो इन्हें मनरेगा के माध्यम से बेहतर रोजगार मिल गया, फिर खेतों में सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध हो गया। बाढ़ में सड़क संपर्क कट जाने की समस्या भी दूर हो गई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो