scriptODF घोषित ब्लॉक में टॉयलेट बनाने पंचायत ने फूंक दिए 20 लाख, आधे घरों को आज भी खुले का सहारा | ODF Block home not use toilet in Rajnandgaon | Patrika News

ODF घोषित ब्लॉक में टॉयलेट बनाने पंचायत ने फूंक दिए 20 लाख, आधे घरों को आज भी खुले का सहारा

locationराजनंदगांवPublished: Jun 18, 2018 11:29:21 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

राजनांदगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत बखत रेंगाकठेरा में देखा जा सकता है। ज्ञात हो कि यहां शौचालय निर्माण में लाखों रूपए पंचायत ने खर्च किया है।

patrika

ओडीएफ घोषित ब्लॉक में टॉयलेट बनाने पंचायत ने फूंक दिए 20 लाख, आधे घरों को आज भी खुले का सहारा

राजनांदगांव/ठेलकाडीह. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जहां एक ओर साफ-सफाई एवं महिलाओं की मर्यादाओं को ध्यान में रखकर स्वच्छ भारत अभियान के तहत बड़े जोर-शोर से गांव-गांव में शौचालय का निर्माण कराया गया है। जिसमें करोड़ों की राशि खर्च हो चुकी है। राजनांदगांव ब्लॉक को बीतेे वर्ष ओडीएफ घोषित करते हुए अधिकारियों सहित नेताओं द्वारा वाहवाही का ताज पहन लिया गया। पर आज भी ऐसे कई पंचायते है, जहां शौचालय निर्माण अधूरे पड़े है।
इसकी बानगी राजनांदगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत बखत रेंगाकठेरा में देखा जा सकता है। ज्ञात हो कि यहां शौचालय निर्माण में लाखों रूपए पंचायत ने खर्च किया है। इसके बाद भी कहीं शौचालय अधूरे पड़े है, तो कहीं दरवाजे में साड़ी लगे हुए। सवाल यह उठता है कि भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद भी गांव में अब तक शौचालय निर्माण पूर्ण क्यों नही हुआ? मतलब साफ है जनप्रतिनिधियों ने इसमें भी कमाई का जरिया ढूंढ लिया है।
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा देते है, तो दूसरी तरफ पंचायत के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि शौचालय निर्माण तक में पैसे कमाने से नहीं चूक रहे है। भ्रष्टाचार के इस खेल की हकीकत जानने शनिवार को हमारे संवाददाता ने राजनांदगांव जनपद के ग्राम पंचायत बखत रेंगाकठेरा का दौरा किया। यहां शौचालय के नाम पर जमकर खेल-खेला गया है। इधर ग्रामीण शौचालय निर्माण एवं दिए गए निर्माण सामाग्री के एवज में पंचायत ने 20 लाख रूपए खर्च कर दिए है। ग्रामीण अब इसकी निष्पक्ष जांचकर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे है।
हजारों की पोताई कागज में
ग्रामीणों ने बताया कि कई घरों के शौचालय की पोताई नहीं हुई है, इसके बाद भी पंचायत ने पोताई का खर्च बताया। पंचायत ने एक शौचालय की पोताई का 175 रूपए खर्च किए है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर 329 शौचालय की पोताई हो चुकी है। मतलब शौचालय पोताई 57575 रूपए खर्च कर डाले है। जबकि कई घरों में शौचालय अधूरे पड़े है, कहीं बाहर से ही पोताई हुई है, कहीं पोताई के छीटे भी नहीं पड़े है। मतलब साफ है हजारों की पोताई सिर्फ कागज में ही कर दिया है।
सचिव का लंबे समय से चल रहा एकक्षत्र राज
ग्रामीण बताते है कि बखत रेंगाकठेरा के सचिव अनिल कुमार वैष्णव लंबे समय से इसी पंचायत पर कार्यरत है। जबकि पूर्व में सचिव पर ग्रामीणों ने कई ऐसे मामले में मनमानी, लापरवाही व भ्रष्टाचार के आरोप लगाएं है। जो शिकायत के बाद जांच में सही भी पाएं गए है। जनपद में बैठे अधिकारियों के चहेतो होने व छुटभैये नेताओं के दबाव में कार्रवाई नहीं हो पाई है। प्रशासन भी बेबस नजर आ रहे है। फलस्वरूप ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है, सचिव अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे है।
जिला पंचायत सदस्य क्रांति बंजारे ने बताया कि आधे-अधूरे शौचालय निर्माण होने के बाद भी राजनांदगांव जिला को बीते वर्ष अफसरों ने ओडिएफ घोषित कर दी है। झूठी रिपोर्ट भेजने वाले सरपंच-सचिव पर कार्रवाई होनी चाहिए। बखत रेंगाकठेरा पंचायत में पात्र हितग्राहियों को लाभ मिलनी चाहिए। बखत रेंगाकठेरा प्ंाचायत ने शौचालय निर्माण के लिए लाखों रूपए खर्च किए है। इसके बाद भी कई घरों में शौचालय निर्माण अधूरे है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार बखत रेंगाकठेरा और आश्रित ग्राम डारागांव को मिलाकार 329 शौचालय का निर्माण हुआ है।
इसमें कई ग्रामीणों ने स्वयं के खर्च से शौचालय का निर्माण करवाया है, वहीं कई ग्रामीणों की आर्थिक तंगी के चलते कई शौचालय अधूरे पड़े है। लेकिन पंचायत ने अधूरे शौचालय को पूरा करने के लिए पर्याप्त सामाग्री या राशि नहीं दी है। जिसके कारण आज भी ग्रामीण खुले में शौच के लिए जा रहे है। आपकों बता दे कि पंचायत सचिव अनिल कुमार वैष्णव का कहना है कि पंचायत ने सभी घरों के शौचालय की पोताई की है। उसके हिसाब से खर्च की गई है।
चहेतों को बांट दिए एक शौचालय में दो छत
पंचायत ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए एक शौचालय में दो टीन छत बांट दिए है। एक टीन छत की कीमत 459 रूपए बताएं जा रहे है। इसके अलावा परिवार में एक शौचालय लेकिन पंचायत ने राशि उसी परिवार के बाप-बेटा के नाम से निकाली है। दरवाजे की क्वालिटी पर भी सवाल उठ रहे है। इधर सचिव ने कहा कि शौचालय निर्माण एवं हितग्राहियों को सामाग्री वितरण में 20 लाख खर्च हो चुके है। अधूरे पड़े शौचालय के लिए पंचों के माध्यम से सर्वे का काम चल रहा है। मतलब अधूरे पड़े शौचालय में फिर लाखों खर्च करेंगे।
सीईओ जिला पंचायत चंदन कुमार ने बताया कि बखत रेंगाकठेरा पंचायत में शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों का खर्च हुआ है और पात्र हितग्रहियों को इसका लाभ नही मिला है, तो इसकी जांच करवाता हूं। दोषियों पर कार्रवाई किया जाएगा। सचिव ग्राम पंचायत बखत रेंगाकठेरा अनिल कुमार वैष्णव ने बताया कि गांव में अधिकांश शौचालय का निर्माण हो चुका है, गिनती के शौचालय अधूरे बचे है, इसका सर्वे पंचों के माध्यम से चल रहा है। अभी तक 20 लाख रूपए खर्च हो चुके है। अधूरे शौचालय पर राशि और खर्च होगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो