लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है
इस मार्ग से रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते है। रोजाना लोग इससे बेहद परेशान है। लोग इस मार्ग पर आते ही गाडिय़ों की स्पीड बढ़ा लेते है ताकि जल्द से जल्द इस बदबूं वाले जगह से पार हो जाए। ऐसे में हादसें होने की आशंका भी रहती है। इसके बाद भी प्रशासन उचित कार्रवाई करने से हाथ खींच रहे है। जिससे कारण मुर्गी लीद स्टोर कर बेचने वाले संचालक की मनमानी बरकरार है। यही नहीं आसपास के किसानों को खेती किसानी करते समय बदबू झेलनी पड़ती है। मुर्गी लीद की बदबू इतनी भयंकर है कि लोग उस स्थान पर पल भर भी नहीं ठहर पाते है।
इस मार्ग से रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते है। रोजाना लोग इससे बेहद परेशान है। लोग इस मार्ग पर आते ही गाडिय़ों की स्पीड बढ़ा लेते है ताकि जल्द से जल्द इस बदबूं वाले जगह से पार हो जाए। ऐसे में हादसें होने की आशंका भी रहती है। इसके बाद भी प्रशासन उचित कार्रवाई करने से हाथ खींच रहे है। जिससे कारण मुर्गी लीद स्टोर कर बेचने वाले संचालक की मनमानी बरकरार है। यही नहीं आसपास के किसानों को खेती किसानी करते समय बदबू झेलनी पड़ती है। मुर्गी लीद की बदबू इतनी भयंकर है कि लोग उस स्थान पर पल भर भी नहीं ठहर पाते है।
मुर्गी लीद का भंडारण
राजनांदगांव-खैरागढ़ मुख्य मार्ग से सटकर सैकड़ों ट्रीप मुर्गी लीद का भंडारण किया गया। इसी जगह पर इस कचरें को बेचने व स्टोर करने का काम चलता है। जबकि कवर्धा-राजनांदगांव का मुख्य मार्ग है। ऐसे में हजारों लोग कवर्धा की ओर से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र संस्कारधानी पहुंचते है और संस्कारधानी से कुछ ही दूरी पर भीषण बदबू का सामना करते है।
राजनांदगांव-खैरागढ़ मुख्य मार्ग से सटकर सैकड़ों ट्रीप मुर्गी लीद का भंडारण किया गया। इसी जगह पर इस कचरें को बेचने व स्टोर करने का काम चलता है। जबकि कवर्धा-राजनांदगांव का मुख्य मार्ग है। ऐसे में हजारों लोग कवर्धा की ओर से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र संस्कारधानी पहुंचते है और संस्कारधानी से कुछ ही दूरी पर भीषण बदबू का सामना करते है।
क्षेत्र में बन रही संक्रमण की आशंका
क्षेत्र में मुर्गी लीद की बदबू एक बड़ी समस्या बनी हुई है तो वहीं राहगीरों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे है। भीषण बदबू के चलते संक्रमण बीमारियां फैलने की भी आशंका बढ़़़ गई है। प्रशासन भी किसी बड़़ी घटना के इंतजार में बैठे है। हालांकि इस मुर्गी लीद स्टोर जगह पर कुछ माह पहले टीन-टप्पर लगाएं गए है। लेकिन बदबू इतना भयंकर है कि दो से चार किमी तक के दायरे में लोगों को सांस लेना दूभर हो गया है। इस मार्ग से लोग गुजरते है तो नाक बंद कर लेना ही मुनासिब समझते है। दम घूंटने लगता है। इधर प्रशासन भी कार्रवाई के लिए शिकवा-शिकायत का इंतजार कर रहे है। जिससे लोगों के मन में कई तरह की सवाल पल भर में जन्म लेती है।
क्षेत्र में मुर्गी लीद की बदबू एक बड़ी समस्या बनी हुई है तो वहीं राहगीरों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे है। भीषण बदबू के चलते संक्रमण बीमारियां फैलने की भी आशंका बढ़़़ गई है। प्रशासन भी किसी बड़़ी घटना के इंतजार में बैठे है। हालांकि इस मुर्गी लीद स्टोर जगह पर कुछ माह पहले टीन-टप्पर लगाएं गए है। लेकिन बदबू इतना भयंकर है कि दो से चार किमी तक के दायरे में लोगों को सांस लेना दूभर हो गया है। इस मार्ग से लोग गुजरते है तो नाक बंद कर लेना ही मुनासिब समझते है। दम घूंटने लगता है। इधर प्रशासन भी कार्रवाई के लिए शिकवा-शिकायत का इंतजार कर रहे है। जिससे लोगों के मन में कई तरह की सवाल पल भर में जन्म लेती है।