मामले के संदर्भ में शिकायतकर्ता सुखराम ने बताया कि ग्राम टप्पा में शिकायतकर्ता सहित उसके दो अन्य रिश्तेदार मालाराम व कालूराम के नाम से लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि सामूहिक खाते में थी। इसके संर्दा में शिकायतकर्ता ने सिविल न्यायालय में खाता विभाजन के लिए वाद प्रस्तुत किया था, जहां से न्यायालय के द्वारा शिकायतकर्ता सुखराम सहित उनके दो अन्य खातेदारों के मध्य छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 178(1) के तहत हल्का पटवारी से फर्द बंटवारा प्रतिवेदन मंगाने के लिए प्रारंभिक आदेश जारी किया था।
बंटवारे के लिए किया गया फर्द तैयार उक्त आदेश के परिपालन में संबंधित हल्का पटवारी व्दारा 29 अप्रैल को शिकायतकर्ता सहित अन्य खातेदारों व नायब तहसीलदार की उपस्थिति में वादग्रस्त भूमि का नापजोख कर बंटवारे के लिए फर्द तैयार किया गया था, जिसमें शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर भी थे। उक्त फर्द बंटवारे को पटवारी व्दारा बदलकर अन्य अनावेदकगण खातेदारों को लाभ पहुंचाने के नीयत से फर्जी फर्द तैयार कर तहसीलदार के न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है। शिकायतकर्ता सुखराम ने बताया कि उसके व्दारा इस धोखाधड़़ी की शिकायत कलेक्टर सहित पुलिस व प्रशासन से की है, जिसमें संबंधित पटवारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की है।