छह माह से नहीं हुआ मटेरियल राशि का भुगतान
खैरागढ़ ब्लाक के 114 पंचायतों में फिलहाल मनरेगा के तहत मिट्टी और रोजगार मूलक कार्य जारी है लेकिन विडंबना है कि इसके तहत हुए छह माह से अधिक समय से ज्यादा के कामों की मटेरियल की राशि का भुगतान नही हो पाया है। बताया गया कि अक्टूबर 18 के बाद से मनरेगा के तहत हुए सभी कार्यो के मटेरियल का लगभग 2 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान रूका हुआ है। पंचायतों में कराए गए इन कामों में पंचायत प्रतिनिधियों की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है। मनरेगा के तहत लोहा, सीमेंट पाइप सहित अन्य मटेरियलों की राशि का भुगतान नही होने से प्रतिनिधियों को रोजाना मटेरियल सप्लायरों से भुगतान को लेकर बहस करनी पड़ रही है।
खैरागढ़ ब्लाक के 114 पंचायतों में फिलहाल मनरेगा के तहत मिट्टी और रोजगार मूलक कार्य जारी है लेकिन विडंबना है कि इसके तहत हुए छह माह से अधिक समय से ज्यादा के कामों की मटेरियल की राशि का भुगतान नही हो पाया है। बताया गया कि अक्टूबर 18 के बाद से मनरेगा के तहत हुए सभी कार्यो के मटेरियल का लगभग 2 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान रूका हुआ है। पंचायतों में कराए गए इन कामों में पंचायत प्रतिनिधियों की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है। मनरेगा के तहत लोहा, सीमेंट पाइप सहित अन्य मटेरियलों की राशि का भुगतान नही होने से प्रतिनिधियों को रोजाना मटेरियल सप्लायरों से भुगतान को लेकर बहस करनी पड़ रही है।
23 हजार से ज्यादा मजदूर कार्यरत
मनरेगा के तहत पंचायतों में जारी कार्यो में वर्तमान में 23 हजार से अधिक ग्रामीण मजदूरी कर रहे है। ब्लाक के 114 पंचायतों में मनरेगा के तहत विभिन्न निर्माण कार्य जारी है। इसमें मिटटी सड़क, तालाब गहरीकरण, गौठान निर्माण, नया तालाब निर्माण सहित अन्य रोजगार मूलक कार्य शामिल है, इनकी राशि भी जिला स्तर से जनपद पंचायत को नही मिली है। ऐसे में ग्रामीणों को इन कार्यो का समय पर भुगतान हो पाना मुश्किल है।
मनरेगा के तहत पंचायतों में जारी कार्यो में वर्तमान में 23 हजार से अधिक ग्रामीण मजदूरी कर रहे है। ब्लाक के 114 पंचायतों में मनरेगा के तहत विभिन्न निर्माण कार्य जारी है। इसमें मिटटी सड़क, तालाब गहरीकरण, गौठान निर्माण, नया तालाब निर्माण सहित अन्य रोजगार मूलक कार्य शामिल है, इनकी राशि भी जिला स्तर से जनपद पंचायत को नही मिली है। ऐसे में ग्रामीणों को इन कार्यो का समय पर भुगतान हो पाना मुश्किल है।
मजदूरी के छह करोड़ रूपये पेंडिंग
छह माह से भी अधिक समय से पंचायतों में जारी मनरेगा कार्यो में मजदूरी भुगतान की समस्या भी बरकरार है। बताया गया कि जनवरी माह में मजदूरी के लिए कुछ राशि मिल पाई थी जिसका भुगतान किया गया था। इसके बाद से पिछले तीन माह में मजदूरी की राशि का भुगतान फंड नही होने के कारण अटक गया है। गर्मी की शुरूआत होते ही फिलहाल ब्लाक के सभी पंचायतों में एक या अधिक मनरेगा के कार्य जारी है लेकिन इन कार्यो के लिए फंड और राशि की व्यवस्था अभी भी नही है। पिछली मनरेगा मजदूरी के लगभग 4 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि अटक गई है। वर्तमान में जारी कार्याे की राशि का भी भुगतान फिलहाल हो पाएगा इसमें संदेह है।
छह माह से भी अधिक समय से पंचायतों में जारी मनरेगा कार्यो में मजदूरी भुगतान की समस्या भी बरकरार है। बताया गया कि जनवरी माह में मजदूरी के लिए कुछ राशि मिल पाई थी जिसका भुगतान किया गया था। इसके बाद से पिछले तीन माह में मजदूरी की राशि का भुगतान फंड नही होने के कारण अटक गया है। गर्मी की शुरूआत होते ही फिलहाल ब्लाक के सभी पंचायतों में एक या अधिक मनरेगा के कार्य जारी है लेकिन इन कार्यो के लिए फंड और राशि की व्यवस्था अभी भी नही है। पिछली मनरेगा मजदूरी के लगभग 4 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि अटक गई है। वर्तमान में जारी कार्याे की राशि का भी भुगतान फिलहाल हो पाएगा इसमें संदेह है।
पीछे हट रहे पंचायत प्रतिनिधि
मनरेगा सहित अन्य निर्माण कार्यो की स्वीकृति के बाद भी फंड नही होने के कारण अधिकांश पंचायतों में निर्माण कार्यो पर ग्रहण लग गया है। मनरेगा के तहत विभिन्न रोजगार मुलक कार्य जरूर हो रहे है लेकिन इसके लिए भी जनपद पंचायत के पास किसी भी प्रकार की राशि उपलब्ध नही है। इसी तरह अन्य निर्माण कार्र्याे की स्वीकृति के बाद भी राशि नही होने के कारण सरपंच निर्माण कार्य शुरू कराने से हाथ खींच रहे है ताकि भुगतान की दिक्कतों से बचा जा सके। कई योजनाओं के तहत जारी होने वाले कार्य भी अटक गए है तो गौठान योजना भी बिना भुगतान पचड़े में फंस गई है।
मनरेगा सहित अन्य निर्माण कार्यो की स्वीकृति के बाद भी फंड नही होने के कारण अधिकांश पंचायतों में निर्माण कार्यो पर ग्रहण लग गया है। मनरेगा के तहत विभिन्न रोजगार मुलक कार्य जरूर हो रहे है लेकिन इसके लिए भी जनपद पंचायत के पास किसी भी प्रकार की राशि उपलब्ध नही है। इसी तरह अन्य निर्माण कार्र्याे की स्वीकृति के बाद भी राशि नही होने के कारण सरपंच निर्माण कार्य शुरू कराने से हाथ खींच रहे है ताकि भुगतान की दिक्कतों से बचा जा सके। कई योजनाओं के तहत जारी होने वाले कार्य भी अटक गए है तो गौठान योजना भी बिना भुगतान पचड़े में फंस गई है।
जल्द भुगतान कराने किया जा रहा प्रयास
सीईओ जनपद पंचायत खैरागढ़, ज्ञानेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मनरेगा के तहत रूके भुगतान के लिए जिला स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया है। आचार संहिता शिथिल होने के बाद अब भुगतान की गुंजाइश है जल्द ही भुगतान कराने प्रयास किया जाएगा।
सीईओ जनपद पंचायत खैरागढ़, ज्ञानेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मनरेगा के तहत रूके भुगतान के लिए जिला स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया है। आचार संहिता शिथिल होने के बाद अब भुगतान की गुंजाइश है जल्द ही भुगतान कराने प्रयास किया जाएगा।