इस आयोजन के लिए पूरे शहर के चौक-चौराहों को फूल, हार, लाइट, झूमर और पंजल से सजाया गया था। इस शुभ अवसर पर शाही इमाम, शहर काजी राजनांदगांव हजरत मौलाना मोहम्मद आरिफ रजा साहब ने पैगम्बर साहब की जीवन पद्धति और उनकी शिक्षा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पैगम्मबर साहब का मुख्य उद्देश्य दुनिया में अमन, शांति, प्यार भाईचारा स्थापित करना था।
सिक्ख समाज की शोभायात्रा का किया स्वागत हजरत पैगंबर साहब के जन्मदिन को हर्षोल्लास के साथ मनाने के साथ ही रविवार को ही निकली सिक्ख समाज की शोभायात्रा का मुस्लिम समाज ने स्वागत कर एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की। सीरितुनबी कमेटी के अध्यक्ष परवेज अहमद ने बताया कि मुस्लिम समाज ने सिक्ख समाज की शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत सत्कार किया।
अनूठी मिसाल रखी उन्होंने अपने अख्लाक (व्यवहार) की मिसाल दुनिया के सामने रखी। इसीलिए उन्हें अमीन कहा जाता था। पैगम्बर साहब को पूरे विश्व के लिए रहमत (कृपा) बनाकर भेजा गया था। नारी शिक्षा तथा महिलाओं के अधिकार को कानूनी रूप में सर्वप्रथम पैगम्बर साहब ने ही दिया। आज के परिपेक्ष्य में नारी सम्मान, बुजुर्गों का आदर, माता-पिता के चरणों में जन्नत है की शिक्षा उन्हीं की देन है। शिक्षा जीवन का प्रकाश है। गरीबों से हमदर्दी, मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी अदा करना, हर धर्म, जाति, वर्ग से मुहब्बत करना पिछड़ों, दलितों का उत्थान, देश प्रेम, ईमानदारी उनकी प्रमुख शिक्षा है।