वनविभाग द्वारा इस साल अपने स्तर पर 38 हजार पौधों का रोपण किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें वनमंडल अंतर्गत होने वाले वनों मे पौधारोपण शामिल है। बजाय इसके इस साल लोगों ने पौधारोपण को लेकर ज्यादा जागरूकता दिखाई जिसके चलते ब्लाक मे पौधारोपण का आंकड़ा इस वर्ष 45 हजार से ऊपर निकल गया। अकेले वनमंडल ने विभागीय तौर पर ही वनों, प्लांटों में 38 हजार पौधारोपण किया। जबकि शासकीय तौर नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के तहत बनाए गए गौठानों में भी अब तक 3 हजार पौधों का रोपण किया गया है। अन्य शासकीय कार्यालयोंं, स्कूलों, व्यक्तियों संगठनों द्वारा भी अब तक 4 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है।
ब्लाक में इस साल पौधारोपण के शासकीय आयोजन नही हुए। वन विभाग द्वारा वनमहोत्सव का आयोजन भी नही हुआ। इसके बाद भी निजी तौर पर पर्यावरण जागरूकता को लेकर लोगों और निजी संगठनों में पौधारोपण में ज्यादा रूचि दिखाई। ब्लाक भर में जारी निर्मल त्रिवेणी अभियान के तहत 5 हजार से अधिक पौधों का रोपण कर इसकी सुरक्षा और संवर्धन का संकल्प लेकर अभियान चलाया गया। इसके तहत शहर के सड़क किनारे, गलियों, खाली जगहों पर वृहद स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम किए गए।
उपवनमंडलाधिकारी एएल खुंटे ने बताया कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और पौधारोपण को भविष्य की जरूरत मान लोगों ने इस साल पौधारोपण करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। खैरागढ़ स्थित नर्सरी में पौधा नही मिलने पर लोगों ने छुईखदान गंडई और डोंगरगढ़ नर्सरी तक पौधों के लिए दौड़ लगाई जिससे लोगों की जागरूकता सामने आई है। विभागीय तौर पर भी पौधा उपलब्ध कराया गया जिसके कारण पौधारोपण का लक्ष्य आगे बढ़ पाया।