राजनांदगांव जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर सुकुलदैहान गांव की रहने वाली फुलबासन यादव महिला स्वसहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को आत्मनिर्भर करने की दिशा में पिछले करीब दो दशक से उल्लेखनीय काम कर रही हैं। फुलबासन के कार्य को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में मिनीमाता सम्मान मिला और वर्ष 2012 में भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया। फुलबासन के कार्यों को देखते हुए टेलीविजन के प्रसिद्ध कार्यक्रम कौन बनेगा करोड़पति के कर्मवीर सेगमेंट में उन्हें आमंत्रित किया गया। फुलबासन के शो की शूटिंग बीते दिनों मुंबई में हुई थी और आज शुक्रवार रात कार्यक्रम का प्रसारण हुआ।
केबीसी के इस सीजन में अब तक की सबसे बडी़ राशि फुलबासन ने जीतकर इतिहास रच दिया है। महज सातवीं तक की पढ़ाई करने वाली फुलबासन ने हॉट सीट में अमिताभ बच्चन के सामने बैठकर सवालों का पूरे आत्मविश्वास से जवाब दिया और 50 लाख रूपए के लिए 14 वें सवाल पर वो एक बार फिर अटकी और अब तक सुरक्षित रखे एक्सपर्ट लाइफ-लाइन का उन्होंने इस्तेमाल किया और सही जवाब देकर यह रकम जीती।
कौन बनेगा करोड़पति के कर्मवीर सेगमेंट में पद्मश्री फुलवासन का साथ प्रसिद्ध अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने दिया। दोनों ने मिलकर अमिताभ बच्चन के कई सवालों का सही जवाब दिया और रकम जीती। इस शो के एक लाइफ-लाइन वीडियो काल में एक सवाल के जवाब के लिए फुलवासन ने छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत आईएएस दिनेश श्रीवास्तव की मदद ली और उन्होंने सही जवाब देकर फुलवासन को रकम जीतने में मदद की।
टेलीविजन में दो दशकों से दर्शकों के पसंदीदा शो केबीसी में पहुंचने वाली पद्मश्री फुलबासन ने भी 2001 में अपना सफर शुरु किया था। वर्ष 2001 में राजनांदगांव के तत्कालीन महिला बाल विकास विभाग अधिकारी राजेश सिंगी ने सुकुलदैहान का दौरा किया और तत्कालीन कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में मां बमलेश्वरी स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। इस अवसर पर गांव की महिलाओं से चर्चा के दौरान गांव में पशु चराने का काम करने वाली फुलबासन से उनकी बात हुई। फुलबासन की भाषण कला और संगठन की क्षमता को देखते हुए उसे महिलाओं का समूह तैयार करने का जिम्मा दिया गया। फुलबासन एक ट्रेनर के रूप में तैयार हो गई और इस तरह उसका सफर शुरु हुआ।
इस तरह बताया संगठन की शक्ति
केबीसी में चर्चा के दौरान जब अमिताभ बच्चन ने फुलबासन से पूछा कि वह कैसे समझती हैं कि एक सफल संगठन चलाना हैं, तो फुलबासन ने अपने हाजिर जवाबी से बिग-बी को भी मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, एक बिल्ली या कुत्ते को पत्थर से मारते हैं, तो वे भाग जाएंगे। लेकिन एक पत्थर के साथ मधुमक्खी के छत्ते पर मारने की कोशिश करो तो मधुमक्खियां आप पर हमला करेंगी। यह एक संंगठन की ताकत है।