scriptसामान्य बीमारियों की मोटी रकम वसूलने वाले निजी डाक्टर गायब | Private doctors recovering huge amount of common diseases disappear | Patrika News

सामान्य बीमारियों की मोटी रकम वसूलने वाले निजी डाक्टर गायब

locationराजनंदगांवPublished: Apr 03, 2020 08:08:16 pm

Submitted by:

Govind Sahu

सर्दी-जुकाम में भी घबराकर अस्पताल पहुंच रहे लोग, कोरोना वायरस के संक्रमण से लडऩे डटे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डाक्टरों पर दबाव

सामान्य बीमारियों की मोटी रकम वसूलने वाले निजी डाक्टर गायब

सामान्य बीमारियों की मोटी रकम वसूलने वाले निजी डाक्टर गायब

राजनांदगांव. सर्दी-जुकाम सहित छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए हमसे मोटी रकम वसूलने वाले शहर के अधिकांश निजी व घर पर ही पै्रक्टिस करने वाले रिटायर्ड सरकारी डाक्टर दुबककर बैठ गए हैं। वर्तमान में निजी नर्सिंग होम व अस्पताल वाले डाक्टर भी अपनी दुकानदारी समेट लिए हैं। जबकि पूरा देश अभी कोरोना संक्रमण से लड़ रहा है। इसमें सबसे अहम योगदान डाक्टर, पुलिस और शासन-प्रशासन की है। वर्तमान में एस्मा भी लागू है।

ये निजी डाक्टर अपने अस्पतालों में जांच व इलाज करेंगे तो सामान्य मरीजों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी। कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जिन्हें रोजाना फिजियो थेरेपी की आवश्यकता है। या कुछ और जरूरी जांच कराना हो, लेकिन उन लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। शासन-प्रशासन को निजी डाक्टरों को अनिवार्य रूप से सेवा देने के लिए शासन प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए। इस मुश्किल घड़ी में उनकी सेवा कुछ समय के लिए शासकीय अस्पतालों में भी लिया जा सकता है।

सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त, बीपी, शुगर इत्यादि के लिए लोगों को डॉक्टर की बहुत जरूरत है। महामारी के इस दौर में अधिक से अधिक डॉक्टरों की जरूरत है। इस आपात समय में निजी डाक्टरों का छिपना समझ से परे है। वे सामान्य बीमारियों की जांच व इलाज करते हैं, तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डाक्टरों के लिए राहत साबित होगा। जब परिस्थिति अनुकूल होगी तब निजी डाक्टर दुकान खोलकर मनमाने फीस लेकर अपना झोला भरेंगे।

आज जहां कोरोना कोरोना वायरस की जंग में सभी डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, सुरक्षा कर्मी सर पर कफन बांध कर मैंदान में कूद चुके हैं और हमारे रक्षा के लिए अपना जीवन को दांव पर लगा दिया है। ऐसे में हमारे आसपास व परिचित के कुछ डॉक्टर इससे डरकर अपने घरों में छिपे बैठे हैं।

लाइसेंस रद्द करें
जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक ९ के सदस्य राजेश श्यामकर का कहना है कि आज हमारे और कोविड 19 के बीच कोई खड़ा है, तो वो केवल डॉक्टर है, पर कुछ लापरवाह डॉक्टर भी हैं, जो जान के डर से घर में हैं। जबकि वर्तमान में पूरे समाज को उनकी अति आवश्यकता है। लोग छींक भी रहे तो डाक्टर के पास जा रहे हैं। राज्य सरकार एवं प्रशासन ऐसे डॉक्टरों को सीधे अल्टीमेटम देकर उन्हें अपने पेशे में वापस बुलाए। नहीं तो उनका लाइसेन्स रद्द कर देना चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो