ये निजी डाक्टर अपने अस्पतालों में जांच व इलाज करेंगे तो सामान्य मरीजों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी। कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जिन्हें रोजाना फिजियो थेरेपी की आवश्यकता है। या कुछ और जरूरी जांच कराना हो, लेकिन उन लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। शासन-प्रशासन को निजी डाक्टरों को अनिवार्य रूप से सेवा देने के लिए शासन प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए। इस मुश्किल घड़ी में उनकी सेवा कुछ समय के लिए शासकीय अस्पतालों में भी लिया जा सकता है।
सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त, बीपी, शुगर इत्यादि के लिए लोगों को डॉक्टर की बहुत जरूरत है। महामारी के इस दौर में अधिक से अधिक डॉक्टरों की जरूरत है। इस आपात समय में निजी डाक्टरों का छिपना समझ से परे है। वे सामान्य बीमारियों की जांच व इलाज करते हैं, तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डाक्टरों के लिए राहत साबित होगा। जब परिस्थिति अनुकूल होगी तब निजी डाक्टर दुकान खोलकर मनमाने फीस लेकर अपना झोला भरेंगे।
आज जहां कोरोना कोरोना वायरस की जंग में सभी डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, सुरक्षा कर्मी सर पर कफन बांध कर मैंदान में कूद चुके हैं और हमारे रक्षा के लिए अपना जीवन को दांव पर लगा दिया है। ऐसे में हमारे आसपास व परिचित के कुछ डॉक्टर इससे डरकर अपने घरों में छिपे बैठे हैं।
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