राजनांदगांव से लगे हुए बजरंगपुर नवागांव का युवक ेवेदराम साहू इस वक्त कश्मीर में सशस्त्र सीमा बल की टुकड़ी के साथ तैनात है। वेदराम, कुछ दिन पूर्व ही अपनी छुट्टी पूरी कर कश्मीर लौटे हैं। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जिस दिन (१४ फरवरी) आतंकी हमला हुआ, इसके ठीक एक दिन पहले वेदराम भी अपने साथियों के साथ इसी रास्ते से गुजरे थे। आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में जवानों की शहादत को लेकर मातम है तो आतंक को लेकर गुस्सा भी है, लेकिन कश्मीर में हालात पहले से ज्यादा विकट हो गए हैं और यहां तैनात जवानों के परिजनों की रातें आंखों में ही कट रही हैं।
सीमा पर बढ़ते तनाव और वहां तैनात परिवार के सबसे छोटे बेटे को लेकर पूरा परिवार चिंतित है। भाई भारत बताता है कि मां अक्सर टीवी में इससे जुड़ी खबरें देखती है, पर घर में मां से इस संबंध में ज्यादा जिक्र कोई नहीं करता। भारत ने कहा कि पिता को गए साल भर भी नहीं हुए, ऐसे में वे वेद को लेकर कोई खबर देकर मां को परेशान नहीं करते। घर की देहरी पर बैठी वेद की मां से पत्रिका ने बात की। वेद की मां ने कहा कि उसका बेटा देश की रक्षा के लिए तैनात है। इस बात पर उन्हें गर्व है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को कड़ा जवाब देना चाहिए।
वेदराम अपने चार भाईयों में सबसे छोटा है। उसके दो बड़े भाई ओमप्रकाश और डोमन कांट्रेक्टर का काम करते हैं। तीसरे नंबर का भाई भारत डीजे चलाने का काम करता है। तीनों भाईयों की शादी हो गई है। वेद की शादी नहीं हुई है। घर में मां उर्मिला साहू हैं। पिता रमेश साहू का करीब साल भर पहले देहांत हुआ है।
पुलवामा में अटैक की सूचना टेलीविजन में देखने के बाद वेदराम के परिजन घबरा गए थे। चूंकि तकरीबन इसी वक्त वेदराम कश्मीर पहुंचे थे, ऐेसे में परिजनों को कुछ सूझ नहीं रहा था। वेदराम के बड़े भाई ओमप्रकाश, डोमन व भारत ने पत्रिका से बात करते हुए बताया कि समाचार देखने के बाद वेदराम को फोन लगाया गया। नहीं लगा। बार बार कोशिश की गई। फिर उसके मोबाइल में संदेश छोड़ा गया। दूसरे दिन मैसेज मिलने के बाद वेदराम ने फोन किया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद घर में लोगों ने राहत की सांस ली। भारत बताते हैं कि वहां हालत बेहद खराब हैं। परिजन कोशिश करते हैं कि वेदराम से नियमित बात हो जाए।
कश्मीर में तैनात वेदराम से उसके भाई भारत ने ‘पत्रिकाÓ की बात कराई। पत्रिका से बात करते हुए सशस्त्र सीमा बल जवान वेदराम ने कहा कि उनका काफिला एक दिन पहले वहां से गुजरा था। दूसरे दिन हमला हो गया। हमारे काफी सारे साथी बिछड़ गए। साथियों के जाने का गम है लेकिन फोर्स के हौसले बुलंद हैं। दुश्मनों को करारा जवाब देने हर जवान तैयार है। वेदराम ने बताया कि पिछले १५ दिनों से बिजली नहीं है। जरूरत पर जनरेटर से काम चल रहा है। सशस्त्र सीमा बल में 2011 में भर्ती हुआ वेदराम शुरू में अरूणाचल प्रदेश में तैनात रहा है और पिछले ५ साल से वह कश्मीर में पदस्थ है।