शिकायत के बाद निगम प्रशासन में हड़कंप की स्थिति रही। क्योंकि मामले में निगम के इंजीनियरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आती। यही कारण है कि निगम प्रशासन ने आनन-फानन में ठेकेदार को नोटिस थमाया और सड़क जहां-जहां से उखड़ी थी, वहां मरम्मत कराया जा रहा है। निगम के अफसर सड़क की लंबाई-चौड़ाई और लागत बताने से भी कतराते रहे।
ऐसे फंसते नजर आए अधिकारी ज्ञात हो कि बख्तावर चाल व लेबर कॉलोनी में बन रही सड़क बनते ही उखडऩे लगी थी। वार्ड के पार्षद व पूर्व पार्षद सहित अन्य ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की। मामले में ठेकेदार ने कहा सड़क का काम पूरा ही नहीं हुआ है। इसके बाद जब पत्रिका ने निगम के अफसरों से पूछा तो उन्होंने कहा कि सड़क का निर्माण पूरा होते ही बारिश होने लगी थी। इस वजह से सड़क की ऊपरी परत उखड़ गई। ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। मरम्मत कराने के बाद ही उसे भुगतान किया जाएगा। गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने पर निगम के अपसर घिरते नजर आए तो फिर कहा सड़क में चौथे लेयर का काम बचा है, पूरा नहीं हुआ है। उसे कराया जा रहा है, तो अब सवाल यह उठता है कि जब सड़क का काम पूरा ही नहीं हुआ था, तो ठेकेदार को नोटिस क्यों जारी किया गया। इस पूरे मामले की जांच हुई तो ठेकेदार और निगम के अफसरों की सांठगांठ सामने आ जाएगी।
जांच कराने की मांग की गई थी तुलसीपुर पार्षद शोभा सोनी ने कहा कि सड़क बनते ही उखडऩे लगी थी। इस वजह से मामले की शिकायत जिला व निगम प्रशासन से करते हुए सड़क की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग रखी गई थी।
भुगतान किया जाएगा नगर निगम ईई दीपक जोशी ने कहा कि ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। सड़क पूरी होने पर ही भुगतान किया जाएगा। सड़क की गुणवत्ता में कोई खराबी नहीं है। बनते ही लगातार बारिश हुई, इस वजह से उखड़ गई थी।