scriptभिलाई के बाद रायपुर चपेट में, नांदगांव में भी मिले मरीज, स्वास्थ्य अमला सक्रिय | Raipur vulnerable after Bhilai, met patients in Nandgaon, health staff | Patrika News

भिलाई के बाद रायपुर चपेट में, नांदगांव में भी मिले मरीज, स्वास्थ्य अमला सक्रिय

locationराजनंदगांवPublished: Aug 12, 2018 03:42:40 pm

Submitted by:

Nitin Dongre

डेंगू के आने लगे मरीज, कितना तैयार है राजनांदगांव

system

भिलाई के बाद रायपुर चपेट में, नांदगांव में भी मिले मरीज, स्वास्थ्य अमला सक्रिय

राजनांदगांव. डेंगू ने दुर्ग-भिलाई के बाद अब रायपुर को भी चपेट में ले लिया है। राजनांदगांव में भी कुछ मरीजों में इसके लक्षण पाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जुलाई महीने में डेंगू के लक्षण वाले १४ लोगों का एनएस-1 जांच किया गया है। इनमें तीन का एलाइजा जांच पॉजीटिव मिला है। वहीं पिछले छह महीने की बात करें, तो यहां ४२ लोगों की जांच हुई है, जिनमें से दो की एलाइजा जांच पॉजीटिव मिले हैं।
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि डेंगू राजनांदगांव में भी तेजी से पैर पसार रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन सहित स्वास्थ्य अमला इस बीमारी से निपटने के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। लोगों को बचाव के लिए जागरुक नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि इसके मरीज घटने के बजाए बढ़ रहे हैं। पिछले छह महीने में जहां दो की एलाइजा रिपोर्ट पॉजीटिव मिली, तो वहीं जुलाई में ही तीन की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव मिले हैं। यह गंभीर मामला हो सकता है।
जागरूकता से बच सकते हैं

निगम के स्वास्थ्य अमले की बात करें तो उनका कहना है कि लगातार शिकायत आने के बाद निगम का स्वास्थ्य अमला सक्रिय हो गया है। रोजाना वार्डों में फागिंग मशीन से धुआं छोड़ा जा रहा है। वहीं नालियों में भी चूने व जले आइल का छिड़काव किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि लोग अपनी जागरुकता से खुद को मच्छर से बचा सकते हैं।
डेंगू के लक्षण

लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, चकत्ते और मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द शामिल है। गंभीर मामलों में, गंभीर रक्तस्राव और सदमे की स्थिति हो सकती है, जो जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है। काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।
डेंगू कैसे होता है

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।
राज्य में 10 की मौत

डेंगू अब भिलाई के बाद रायपुर में भी पांव पसार चुका है। राजधानी के जिला कोषालय कार्यालय के 6 कर्मचारियों में डेंगू के लक्षण पाए गए, जिसके बाद इन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। रायपुर में डेंगू के दस्तक से शहर में दहशत का माहौल है। डेंगू से अब तक छत्तीसगढ़ के भिलाई में 8 बच्चों समेत 10 मरीजों की मौत हो चुकी है।
इसके लिए घरेलू बचाव

० बीमारी से बचने के लिए फिजिकली फिट, मेंटली स्ट्रॉन्ग और इमोशनली बैलेंस रहें।
० अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद ले।
० नाक के अंदर की तरफ सरसों का तेल लगाकर रखें। इससे तेल की चिकनाहट बाहर से बैक्टीरिया को नाक के अंदर जाने से रोकती है।
० आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं।
० विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें
० घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।
० अगर पानी जमा होने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें।
० डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
० मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि इस्तेमाल करें।
यहां स्थिति ठीक है

डॉ. प्रदीप बेक, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने कहा कि चार मरीज मिले थे, इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल एक ही मरीज है। यहां स्थिति ठीक है। लोग जागरुक रहकर स्वयं को बचा सकते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो