भुईयां पोर्टल में मिला रिकॉर्ड
मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ठेलकाडीह सतीश पुरिया के नेतृत्व में इस प्रकरण की जांच करने विशेष टीम का गठन किया गया। आवेदक और गवाहों का विस्तृत कथन लेकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। इस खसरा नंबर के मूल स्वामी से पूछताछ कर विस्तृत कथन लेने पर ज्ञात हुआ कि खसरा नं. 68 केवल 53 डिसमील की मूल भूमि है। जिसका 68/1 व 68/2 ही बटांकन हुआ है। तीसरा बटांकन कभी नहीं हुआ है। इस संबंध में पटवारी से राजस्व विभाग से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने पर पता चला कि विवादित खसरा नं. 68/3 रकबा 1.098 हेक्टेयर केवल ऑनलाईन भुईयां पोर्टल रिकार्ड में दर्ज है। मेनुवल रिकार्ड पर इसका कोई रिकार्ड नहीं है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ठेलकाडीह सतीश पुरिया के नेतृत्व में इस प्रकरण की जांच करने विशेष टीम का गठन किया गया। आवेदक और गवाहों का विस्तृत कथन लेकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। इस खसरा नंबर के मूल स्वामी से पूछताछ कर विस्तृत कथन लेने पर ज्ञात हुआ कि खसरा नं. 68 केवल 53 डिसमील की मूल भूमि है। जिसका 68/1 व 68/2 ही बटांकन हुआ है। तीसरा बटांकन कभी नहीं हुआ है। इस संबंध में पटवारी से राजस्व विभाग से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने पर पता चला कि विवादित खसरा नं. 68/3 रकबा 1.098 हेक्टेयर केवल ऑनलाईन भुईयां पोर्टल रिकार्ड में दर्ज है। मेनुवल रिकार्ड पर इसका कोई रिकार्ड नहीं है।
पटवारियों के नीचे काम करता था आरोपी
पुलिस ने मामले में जानकारी प्राप्त करने के बाद आरोपी चेतन वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि वह विभिन्न पटवारियों के नीचे उनके निर्देशन में राजस्व विभाग से संबंधित समस्त कार्य मासिक वेतन पर करता था। उसी दौरान मेनुवल रिकार्ड को ऑनलाईन रिकार्ड दर्ज करते समय इस खसरा नंबर का सृजन कर अपने नाम पर इस खसरा नंबर का स्वामित्व दर्शित किया था। मौके पर इस खसरा नंबर की भूमि नहीं होना बताया और उक्त विवादित खसरा नंबर के दस्तावेज उपलब्ध कर जब्त कराया।
पुलिस ने मामले में जानकारी प्राप्त करने के बाद आरोपी चेतन वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि वह विभिन्न पटवारियों के नीचे उनके निर्देशन में राजस्व विभाग से संबंधित समस्त कार्य मासिक वेतन पर करता था। उसी दौरान मेनुवल रिकार्ड को ऑनलाईन रिकार्ड दर्ज करते समय इस खसरा नंबर का सृजन कर अपने नाम पर इस खसरा नंबर का स्वामित्व दर्शित किया था। मौके पर इस खसरा नंबर की भूमि नहीं होना बताया और उक्त विवादित खसरा नंबर के दस्तावेज उपलब्ध कर जब्त कराया।
ऑनलाइन रिकॉर्ड में डाल दिया था दस्तावेज
आरोपी के द्वारा धोखाधड़ी कर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसे असली बताकर प्रार्थी तिलक वर्मा को 6,80,000 रुपए में बिक्री कर धोखाधड़ी करने का सबूत पाए जाने से आरोपी को विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपियों की जानकारी राजस्व विभाग से प्राप्त की जा रही है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी सतीष पुरिया, सउनि सीआर आर्य, प्रआर रमेश कोरेटी, आर बिजेश कुमार, सुरेंद्र सिन्हा की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
आरोपी के द्वारा धोखाधड़ी कर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसे असली बताकर प्रार्थी तिलक वर्मा को 6,80,000 रुपए में बिक्री कर धोखाधड़ी करने का सबूत पाए जाने से आरोपी को विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपियों की जानकारी राजस्व विभाग से प्राप्त की जा रही है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी सतीष पुरिया, सउनि सीआर आर्य, प्रआर रमेश कोरेटी, आर बिजेश कुमार, सुरेंद्र सिन्हा की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
राजनांदगांव निवासी तिलक वर्मा ने जमीन की रजिस्ट्री लगभग डेढ़ साल पहले की थी। जमीन की खरीदी के बाद ऑनलाइन रिकार्ड में दस्तावेज डाले जाने के चलते जमीन विक्रेता को इसकी ऑनलाइन कापी नक्सा खसरा भी मिल गया। विक्रेता तिलक वर्मा जब रिकार्ड लेकर मौके पर अपनी जमीन देखने गए तो पता चला कि उनके रिकार्ड में मौजूद खसरा नंबर वहां पर उपलब्ध ही नहीं है। जिसके बाद उन्होनें इसकी जानकारी निकाली और उन्हे फर्जीवाड़े का पता चला। सोमवार को ही प्रार्थी तिलक ने ठेलकाडीह थाने में मामला दर्ज कराया था। 24 घंटे में ही पुलिस ने मामले की जांच कर आरोपी एमसीए पास युवक को धर दबोचा।