scriptअपहरण के आरोपी छात्रनेता का फैसला करेगा स्टॉफ कांउसिल | Rajnandgaon: Accused of kidnapping student union leader will decide staff Council | Patrika News

अपहरण के आरोपी छात्रनेता का फैसला करेगा स्टॉफ कांउसिल

locationराजनंदगांवPublished: Dec 15, 2016 11:46:00 pm

छात्रा को अगुवा कर मारपीट और गाली-गलौच के आरोप में जेल गए
छात्रसंघ सचिव ऋषि शास्त्री को लेकर प्राचार्य द्वारा
बनाई कमेटी ने रिपोर्ट दे दी है।

Accused of kidnapping student union leader will de

Accused of kidnapping student union leader will decide staff Council

राजनांदगांव. छात्रा को अगुवा कर उससे मारपीट और गाली-गलौच करने के आरोप में जेल गए दिग्विजय कॉलेज के छात्रसंघ सचिव ऋषि शास्त्री को लेकर प्राचार्य द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब इस रिपोर्ट को शुक्रवार को कॉलेज की स्टाफ काऊंसिल के सामने रखा जाएगा। इसके बाद छात्र के भविष्य को लेकर फैसला लिया जाएगा। दूसरी ओर पीडि़त छात्रा के बयान के आधार पर जेल भेजे गए छात्रसंघ सचिव को पद से और कॉलेज से बर्खास्त किए जाने को लेकर छात्रों का दबाव बढ़ता जा रहा है।

गालीगलौच और मारपीट

उल्लेखनीय है कि शनिवार को दिग्विजय कॉलेज के छात्र संघ सचिव ऋषि शास्त्री और उसके एक दोस्त अनीस खान ने एक छात्रा को कार में अगुवा कर उसे चौपाटी की ओर ले जाकर उसके साथ गालीगलौच और मारपीट की थी। छात्रा ने दोनों के खिलाफ पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज की थी। इस आधार पर पहले अनीस खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और बुधवार को ऋषि शास्त्री को भी जेल भेज दिया गया।

कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी
दिग्विजय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि कॉलेज के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि छात्र संघ के किसी निर्वाचित पदाधिकारी पर ऐसा आरोप लगा है और उसे जेल जाना पड़ा है। ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई थी, जो नियमों का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपती। डॉ. सिंह ने बताया कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और अब इस रिपोर्ट को स्टाफ काऊंसिल के समक्ष पेश किया जाएगा। कॉलेज के सभी स्टाफ की काऊंसिल अब आखिरी फैसला लेगी। शुक्रवार को फैसला आएगा।

यह कहता है नियम
किसी भी शैक्षणिक संस्था के छात्र को लेकर एक नियमावली बनी हुई है जिसमें यह उल्लेख है कि किसी आपराधिक मामले में आरोपी बनाए जाने पर उसे निलंबित कर दिया जाता है और आरोप प्रमाणित हो जाने पर उसे बर्खास्त कर दिया जाता है। इसी तरह छात्र संघ से जुड़े किसी पदाधिकारी के साथ ऐसा होने पर उसे पद से हटाने का नियम है। हालांकि प्राचार्य डॉ. सिंह का कहना है कि किसी भी मामले में जल्दबाजी से निर्णय लेने के बजाए अपराध की प्रवृत्ति और छात्र के भविष्य को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाता है।

नियमित छात्रा नहीं थी
पूर्व में यह जानकारी आई थी कि पीडि़त छात्रा दिग्विजय महाविद्यालय की बीकाम की छात्रा थी लेकिन प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह ने पत्रिका को बताया कि छात्रा महाविद्यालय की नियमित छात्रा नहीं थी, वह प्रायवेट पढ़ाई कर रही थी। प्राचार्य डॉ. सिंह ने बताया कि घटना दिनांक को छात्रा परीक्षा से संबंधित जानकारी के लिए कॉलेज आई थी और इस दौरान उसके साथ यह सब हुआ।
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