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Video: किसानों के हक में आवाज बुलंद की थी, खामियाजा कोर्ट से नहीं मिली जमानत

locationराजनंदगांवPublished: Sep 20, 2017 03:18:57 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

किसान संकल्प यात्रा के दौरान किसान संघ के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था।

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राजनांदगांव. किसान संकल्प यात्रा के दौरान किसान संघ के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार कांग्रेसी नेताओं को न्यायालय से जमानत नहीं मिली है। कांग्रेसी नेताओं को जहां राजनांदगांव और नेत्रियों को दुर्ग जेल में रखा गया है।
नेताओं से मुलाकात करने दुर्ग जेल पहुंचे
जेल में बंद कांग्रेसी नेताओं से प्रदेश कांग्रेस के किसान संघ अध्यक्ष चन्द्र शेेखर शुक्ला ने बुधवार को मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस के डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू, खैरागढ़ विधायक गिरवर जंघेल, खुज्जी विधायक भोलाराम साहू, प्रवक्ता कमलजीत सिंह पिंटू जेल पहुंचे थे।
कर्ज माफी व पूरे चार साल का बोनस देने की मांग को लेकर किसान संघ द्वारा मंगलवार को राजनांदगांव से किसान संकल्प यात्रा की शुरुआत की जानी थी। लेकिन जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा किसान नेता सुदेश टीकम व अन्य नेताओं को नजर बंद कर लिया गया था।
वहीं आन्दोलन में शामिल होने पहुंचने वाले किसानों को भी गिरफ्तार कर लिया था। पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस के नेताओं ने मोर्चा खोला था। इस दौरान पुलिस ने धारा 144 का उल्लघंन करने का आरोप लगाकर कांग्रेसियों को भी गिरफ्तार कर लिया था।
महिला नेत्रियां दुर्ग जेल मे बंद
मंगलवार को पुलिस ने कांग्रेसी नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव, जिला पंचायत सदस्य महेन्द्र यादव, छन्नी साहू, कांती बंजारे व अन्य कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों को न्यायालय से जमानत नहीं मिली। कांग्रेसी नेता राजनांदगांव जेल व नेत्रियां दुर्ग जेल में बंद है।
राज्य सरकार की दमनकारी नीति
जेल में बंद नेताओं से मुलाकात करने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस के किसान संघ अध्यक्ष चन्द्र शेखर शुक्ला ने पत्रिका से चर्चा करते हुए कहा कि किसान नेताओं को आन्दोलन से रोकना व कांग्रेसियों की गिरफ्तारी राज्य सरकार की दमनकारी नीति है। उन्होंने कहा कि किसान अपने जायज मांगों के लेकर प्रदर्शन करने उतरे थे।
इस दौरान आन्दोलन को कुचने नेताओं को नजर बंद कर गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चुनाव के दौरान 300 रुपए बोनस, 2100 रुपए में समर्थन मूल्य में धान खरीदने का घोषणा किया था। वादा से मुकरने के बाद किसान आन्दोलन करने मजबूर हैं, लेकिन सरकार द्वारा किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है।

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