उल्लेखनीय है कि 2014 में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला मुख्यालय के बस स्टैंड में एक चार साल बच्ची मिली थी। इस बच्ची को बाल कल्याण समिति ने देखभाल के लिए राजनांदगांव के बालिका गृह में भेजा था। इस दौरान इस बच्ची के परिजनों को खोजने की पुलिस और प्रशासन ने खूब कोशिश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इसके बाद इस बच्ची को दत्तक ग्रहण के लिए लीगल फ्री करने की प्रक्रिया पूरी की गई। सुखद बात रही कि करीब साढ़े तीन साल बाद इस बच्ची को भारत सरकार की दत्तक ग्रहण योजना के तहत स्पेन के बार्सिलोना में रहने वाले दम्पत्ति ने गोद लेने की इच्छा जताई और सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज इस परिवार को बच्ची को सौंप भी दिया गया।
पिछले तीन-साढ़े तीन साल तक बालिका गृह में अन्य बच्चों के साथ रहने वाली इस बच्ची की प्रायमरी शिक्षा राजनांदगांव में हुई। अब एक ओर इस बच्ची को उसके माता पिता मिल गए तो दूसरी ओर ४९ वर्षीय पेशे से टेक्निकल आर्किटेक्ट व्यक्ति और उनकी पत्नी को एक औलाद मिल गई। इस तरह एक परिवार आज पूरा हो गया।
स्पेन की दम्पत्ति को बच्ची को सौंपने के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग कवर्धा के कार्यक्रम अधिकारी यूके कच्छप, दत्तक ग्रहण एजेंसी के प्रबंधक सत्यमिश्र शास्त्री और भारती परमार मौजूद रहे। संचालक सृजन संस्था राजनांदगांव शरद श्रीवास्तव ने बताया कि बालिका गृह में रह रही एक बच्ची को आज दत्तक ग्रहण एजेंसी के माध्यम से उसे गोद लेने वाले परिवार को सौंप दिया गया। अब वह अपने नए परिवार के साथ स्पेन में रहेगी।